Monday, November 17, 2025

मन की बात: जी20 की अध्यक्षता के दौरान वैश्विक भलाई और विश्व कल्याण पर होगा फोकस- पीएम मोदी

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रविवार को अपने मासिक रेडियो प्रसारण ‘मन की बात’ में, प्रधानमंत्री नेरेंद्र मोदी ने कहा कि ये देश के लिए एक बड़ा अवसर है, भारत 1 दिसंबर से जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करने के लिए तैयार है. अपने संबोधन में पीएम ने जी-20 की अध्यक्षता को देश के लिए एक बड़ा अवसर बताया. पीएम ने कहा, हमें इस अवसर का पूरा उपयोग वैश्विक भलाई, विश्व कल्याण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए करना है. पीएण ने कहा कि भारत के पास शांति, एकता, पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता, सतत विकास जैसी चुनौतियों का समाधान है. पीएम ने कहा हमारी वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर की जो थीम है वो वसुधैव कुटुम्बकम के लिए हमारी प्रतिबद्धता जाहिर करती है.

उन्होंने बताया की आने वाले दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में जी-20 से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. पीएम ने कहा-“ इस दौरान दुनिया के अलग-अलग हिस्सों के लोगों को आपके राज्यों में आने का मौका मिलेगा। मुझे विश्वास है कि आप संस्कृति के विविध और विशिष्ट रंगों को दुनिया के सामने लाएंगे और आपको यह भी याद रखना होगा कि जी20 में आने वाले लोग, भले ही वे अभी प्रतिनिधि के रूप में आए हों, भविष्य के पर्यटक हैं”.

पीएम ने इसरो की तारीफ की

हाल ही में देश के पहले प्राइवेट रॉकेट ‘विक्रम-एस’ के प्रक्षेपण का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ”18 नवंबर को पूरे देश ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में नया इतिहास बनते देखा. इस दिन भारत ने अंतरिक्ष में पहला रॉकेट भेजा. जिसे भारत के प्राइवेट सेक्टर द्वारा डिजाइन और तैयार किया गया था. इस रॉकेट का नाम ‘विक्रम-एस’ है. स्वदेशी अंतरिक्ष स्टार्टअप के इस पहले रॉकेट ने जैसे ही श्रीहरिकोटा से ऐतिहासिक उड़ान भरी, हर भारतीय का दिल गर्व से ऊंचा हो गया.

मोदी ने कहा, ” विक्रम-एस रॉकेट कई विशेषताओं से लैस है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस रॉकेट के कुछ अहम हिस्से 3डी प्रिंटिंग से तैयार किए गए हैं. यह अन्य रॉकेटों की तुलना में हल्का भी है, और सस्ता भी है.”
पीएम ने कहा, निश्चित तौर पर ‘विक्रम-एस’ के लॉन्च मिशन को दिया गया ‘प्रारंभ’ नाम बिल्कुल सही बैठता है. यह भारत में निजी अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक नए युग की शुरूआत का प्रतीक है.

पीएम ने बताया कि विक्रम एस की विकास लागत अंतरिक्ष मिशन में शामिल अन्य देशों के रॉकेट की तुलना में बहुत कम है. पीएम ने कहा कम लागत पर विश्व स्तर का मानक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अब भारत की पहचान बन गया है.

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