नई दिल्ली। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar) ने कहा कि बिहार (Bihar) में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (Special Intensive Revision) की प्रक्रिया पूरी करने वाले बीएलओ ने बहुत अच्छा काम किया है। चुनाव आयोग के सीनियर अधिकारी दो दिन के लिए बिहार पहुंचे थे। यहां चुनाव आयोग के अधिकरियों ने बिहार चुनाव 2025 की तैयारियों की समीक्षा की। पहले दिन चुनाव आयुक्तों ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से बात की। वहीं, दूसरे दिन राज्य के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद चुनाव आयोग ने बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन से जुड़ी अहम जानकारियां दीं।
चुनाव आयुक्त ने बताया कि एसआईआर में दूसरे देश के नागरिकों के नाम भी काटे गए हैं। इसके अलावा उन लोगों के नाम भी काटे गए हैं, जो दूसरी जगहों पर जा चुके हैं और जिनके नाम एक से ज्यादा जगहों पर जुड़े हुए थे। चुनाव आयुक्त ने कहा कि कितने लोगों के नाम काटे गए हैं। इसकी जानकारी हर जिले के अधिकारी के पास होती है। वहां से यह जानकारी ली जा सकती है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस बार चुनाव आयोग ने मतदान की प्रक्रिया आसान करने के लिए क्या बदलाव किए हैं। चुनाव आयुक्त ने कहा कि बीएलओ ने बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने सभी बीएलओ की तारीफ की। उन्होंने बताया कि इस बार वोट डालने के लिए लाइन में खड़े लोग फोन चला सकेंगे। उन्हें वोट डालने से ठीक पहले अपना फोन जमा करना होगा और वोट डालने के तुरंत बाद वह फोन वापस ले सकेंगे।
बिहार चुनाव में क्या नया होगा?
- किसी भी बूथ में 1200 से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे।
- ईवीएम के आखिरी दो राउंड की गणना से पहले बैलेट पेपर की गणना पूरी होगी।
- हर पोलिंग स्टेशन से 100 फीसदी वेबकास्टिंग होगी।
- ईवीएम में हर उम्मीदवार की रंगीन फोटो होगी। नाम बड़े अक्षर में होंगे।
- अब से नए नतदाताओं को 15 दिन में वोटर कार्ड मिलेंगे।
मीटिंग की अहम बातें
- मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने राजनीतिक दलों से मतदान और मतगणना एजेंटों की नियुक्ति करके चुनाव प्रक्रिया के हर चरण में पूर्ण भागीदारी करने की बात कही।
- राजनीतिक दलों ने सुझाव दिया कि चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी अधिकतम करने के लिए मतदान छठ पर्व के तुरंत बाद निर्धारित किए जाएं और चुनाव यथासंभव कम चरणों में पूरे किए जाएं।
- आयोग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और राज्य प्रशासन को पूरी निष्पक्षता से कार्य करने और राजनीतिक दलों की शिकायतों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।