नई दिल्ली: हर साल 19 अप्रैल को लिवर डे मनाया जाता है. इस दिन को मनाने की शुरुआत 1996 में यूरोपियन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ द लिवर ने की. लिवर अगर एक बार खराब हो जाए तो उसका इलाज मुश्किल और महंगा हो सकता है. विश्व लिवर दिवस से जागरूकता फैलायी जाती है कि जीवन शैली में एक छोटा सा बदलाव करके स्वस्थ रह सकते हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता शनिवार को विश्व लिवर दिवस के अवसर पर आईएलबीएस (लिवर और पित्त विज्ञान संस्थान) कार्यक्रम में शामिल हुए.
अमित शाह ने स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा करते हुए अपने बेहतर स्वास्थ्य का श्रेय नियमित व्यायाम, उचित नींद और आहार को दिया. युवाओं से बेहतर भविष्य के लिए शारीरिक गतिविधि और आराम को प्राथमिकता देने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि मई 2020 से लेकर आज तक अपने जीवन में बहुत बड़ा बदलाव किया. आवश्यक मात्रा में नींद, पानी, आहार और नियमित व्यायाम ने उनको बहुत कुछ दिया है. अमित शाह ने कहा कि आज भी वो किसी भी तरह की दवा और इंसुलिन नहीं लेते हैं.
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, "आज लिवर दिवस के अवसर पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हमारा पूरा देश स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए तैयार रहे और किसी को भी स्वास्थ्य सुविधाएं पाने के लिए संघर्ष न करना पड़े… यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि भारत में, विशेष रूप से दिल्ली में, उचित स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा उपलब्ध हो." गुप्ता ने कहा, "हमारी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सिर्फ दिल्ली के लोगों के इलाज के लिए नहीं है. पूरे देश और दुनिया से लोग यहां आते हैं."
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने स्वास्थ्य सेवा पर नई दिल्ली सरकार के फोकस पर प्रकाश डाला. साथ ही स्वास्थ्य सेवा वितरण में दिल्ली के पिछड़ने के लिए पिछली नीतियों की आलोचना की.
सक्सेना ने कहा, "आईएलबीएस एकमात्र ऐसा संस्थान है जिसने देश और विदेश में अपनी पहचान बनाई है. आईएलबीएस को एक दशक से अधिक समय से विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा लिवर रोगों के लिए सहयोगात्मक केंद्र के रूप में मान्यता दी गई है. फैटी लिवर रोग अब न केवल दिल्ली जैसे महानगर में बल्कि भारत के अन्य शहरों में भी एक मूक महामारी के रूप में बढ़ रहा है."