वाराणसी: भारत के सबसे लंबे जलमार्ग पर यात्रा के लिए स्वदेशी 5 स्टार क्रूज गंगाविलास पूरी तरह से तैयार है.ये यात्रा 13 जनवरी से शुरु होगी और अगले 51 दिनों में 3200 किलोमीटर की यात्रा तय कर डिब्रूगढ़ पहुंचेगी. इस दौरान ये क्रूज भारत और बांग्लादेश के कुल 27 रिवर सिस्टम्स से होकर गुजरेगा.इसमें गंगा, भगीरथी, हुगली ब्रह्मपुत्र और वेस्ट कोर्ट नगर शामिल है .यात्रा के दौरान ये क्रूज 50 जगहों पर रुकेगा. इन जगहों में सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा नेशनल पार्क शामिल है.
जलमार्ग से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वाकांक्षी योजना
गंगा विलास क्रूज प्रोजेक्ट मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. इसके जरिये जल मार्ग से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इस प्रोजेक्ट को सरकार ने 2018 में प्रमोट करना शुरु किया था और 2020 में इसे लॉन्च किया जाना था लेकिन कोविड महामारी के कारण इस में देरी हुई और अब ये शुभारंभ के लिए तैयार है.

13 जनवरी को गंगा विलास क्रूज को पीएम दिखायेंगे हरी झंडी
इस यात्रा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जनवरी को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी वर्चुअली इस यात्रा को हरी झंडी दिखायेंगे. इस यात्रा पर जाने के लिए 33 स्विस पर्यटकों का जत्था भारत में है. एयरपोर्ट में इन विशेष मेहमानों का स्वागत परंपरागत भारतीय शहनाई और धोबिया लोकनृत्य से किया गया.
51 दिन यात्रा पर रवाना होने से पहले स्विस पर्यटकों का वाराणसी भ्रमण
यात्रा पर रवाना होने से पहले विदेशी पर्यटकों को वाराणसी और आसपास के इलाकों का भ्रमण कराया जा रहा है .ये पर्यटक क्रूज में सवार होने के बाद रामनगर किले का भ्रमण करने पहुंचे. इससे बाद नौका विहार करते हुए गंगा आरती देखा.आज ये पर्यटक चुनार किले का भ्रमण करने जाएंगे. यहां से मिर्जापुर स्थित घंटाघर जाएंगे.12 जनवरी को इन पर्यटकों के लिए रविदास घाट पर सांस्कृतिक आयोजन होंगे. 13 जनवरी को ये लोग वाराणसी से डिब्रूगढ़ की यात्रा के लिए रवाना हो जायेंगे.
गंगाविलास क्रूज की खासियत
ये क्रूज पूरी तरह से भारत में निर्मित है.इस क्रूज में 18 कमरे मौजूद हैं जो पूरी तरह से आधुनिक और लक्जरी सुविधाओं से लैश है.यात्रा उबाऊ ना हो इसलिए क्रूज में संगीत का इंतजाम है. 51 दिन की इस यात्रा के लिए क्रूज में जिम और तमाम लक्जरी सुविधाएं मौजूद हैं जो किसी 5 सितारा होटल में होती है.

