राजस्थान के बाद अब तमिलनाडु के कोयंबटूर में शिवमंदिर पर बुलडोजर चला.नगर निगम ने अवैध कब्ज़े वाली ज़मीन पर शिव मंदिर होने का दावा करते हुए मंदिर को ध्वस्त किया.मंदिर को ध्वस्त करने के समय बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जमा हो गये और “ओम नम:शिवाय’ का जाप करते नजर आये. हलांकि हिंदू संगठनों के कड़े विरोध और मामले के मद्रास हाईकोर्ट में पहुंच जाने के बाद डिमोलिशन ड्राइव को रोक दिया गया.
नगर निगम के मुताबिक़ सुयांबु थामबुरान मंदिर 50 फीट की सड़क के एक बड़े हिस्से को घेर रहा था. इस लिए इस मंदिर को यहां से हटाने के लिए नगर निगम ने कार्रवाई शुरू की थी. ये मंदिर लगभग चार हज़ार वर्ग फीट एरिया में फैला हुआ है.
नगर निगम के अधिकारी के अनुसार एक व्यक्ति की याचिका पर हाइकोर्ट ने जून में ही इसे गिराने का आदेश दिया था.गुरुवार की सुबह जब नगर निगम की टीम मौक़े पर पहुंची तो कई हिंदु संगठन के लोग पहले से वहां मौज़ूद थे और वहां मौज़ूद लोगों ने मंदिर के ध्वस्त करने की कार्रवाई का विरोध करना शुरू कर दिया.
नगर निगम ने पहले मंदिर की दीवार और प्रांगण में मौज़ूद टॉयलेट को ध्वस्त किया, इस बीच विरोध बढ़ता देख कार्रवाई रोक दी गई. हिंदु संगठनों ने इस के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट का रुख़ कर लिया है.हाईकोर्ट का आदेश आने तक फिलहाल ध्वस्त करने की कार्रवाई रोक दी गई है.
बीजेपी नेता सेंथिल कुमार के मुताबिक़ सुयांबु थामबुरान मंदिर सौ साल से भी ज़्यादा पुराना है और यहां जो शिवलिंग है वो स्वंयभू है, इसे किसी व्यक्ति ने नहीं बनाया है बल्कि स्वयं प्रकट्य है. स्वयंभू शिवलिंग होने के कारण लोगों ने आस-पास निर्माण कर लिया.ये लोगों के पूजा की जगह है इसे ध्वस्त नहीं किया जाना चाहिये.इससे हज़ारों लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी.
फिलहाल ये मामला एक बार फिर से हाईकोर्ट में है.