Adani US bribery case: बुधवार को अडानी समूह ने अपने चेयरमैन गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और मुख्य कार्यकारी विनीत जैन के खिलाफ रिश्वतखोरी और अमेरिकी विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (एफसीपीए) के उल्लंघन के आरोपों का जोरदार खंडन किया. कंपनी ने स्पष्ट किया कि उसके चेयरमैन गौतम अडानी, सागर अडानी और विनीत जैन पर एफसीपीए के तहत आरोप नहीं लगाए गए हैं.
कंपनी ने कहा कि तीनों व्यक्तियों पर कथित प्रतिभूति धोखाधड़ी की साजिश, वायर धोखाधड़ी की साजिश और प्रतिभूति धोखाधड़ी से संबंधित आरोप हैं – जिनमें से सभी में संभावित मौद्रिक दंड है.
Adani US bribery case: अडानी ग्रुप ने रिश्वत के आरोप निराधार
अभियोग में अधिकारियों पर भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन अमरीकी डालर की रिश्वत देने की योजना में भाग लेने का आरोप लगाया गया है, ताकि 20 वर्षों में 2 बिलियन अमरीकी डालर का लाभ कमाने के लिए सौर बिजली अनुबंध हासिल किया जा सके. हालांकि, अडानी समूह ने इन आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन किया है, यह कहते हुए कि वह खुद का बचाव करने के लिए सभी आवश्यक कानूनी उपाय करेगा.
दाखिल किए गए दस्तावेज़ में स्पष्ट किया गया है कि अभियोग में जुर्माने या दंड की कोई मात्रा निर्दिष्ट नहीं की गई है. कंपनी ने कहा, “हालांकि शिकायत में प्रतिवादियों को नागरिक मौद्रिक दंड का भुगतान करने का निर्देश देने के लिए आदेश देने की प्रार्थना की गई है, लेकिन इसमें राशि की मात्रा निर्धारित नहीं की गई है.”
मुकुल रोहतगी, महेश जेठमलानी की संयुक्त प्रेस वार्ता
भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी के साथ मीडिया को संबोधित किया और कहा कि आरोपों में विश्वसनीय सबूत और विवरण का अभाव है. मुकुल रोहतगी ने कहा, “मैंने 54-पृष्ठों के अभियोग को पढ़ा है. गौतम अडानी या सागर अडानी का नाम दो सबसे महत्वपूर्ण मामलों – नंबर एक और नंबर पांच में नहीं है. इस बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं है कि कथित तौर पर किसे या कैसे रिश्वत दी गई.”
मुकुल रोहतगी ने बताया कि आरोप मुख्य रूप से कुछ अन्य व्यक्तियों के खिलाफ हैं, न कि अडानी के अधिकारियों के खिलाफ. उन्होंने कहा, “ऐसे अस्पष्ट आरोपों के कारण सार्थक जवाब देना असंभव है.”
विपक्ष पर साधा निशाना, मणिपुर और अडानी दोनों मामलों को बताया विदेशी
महेश जेठमलानी ने इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की. उन्होंने कहा, “यह स्पष्ट रूप से एक राजनीतिक उपकरण है. महाराष्ट्र चुनावों में झटका खाने के बाद, कांग्रेस और इंडी गठबंधन इसका इस्तेमाल ध्यान भटकाने के लिए कर रहे हैं. वे लगातार अडानी और मणिपुर जैसे विदेशी-जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जो देश के हित के खिलाफ है.”
अमरीकी जांच एजेंसी की मंशा पर भी उठाए सवाल
डीओजे की मंशा पर सवाल महेश जेठमलानी ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा एजेंसी की आलोचना का हवाला देते हुए डीओजे की कार्रवाई के समय और इरादे पर भी सवाल उठाए.
उन्होंने कहा, “डीओजे अनुचित रूप से जल्दबाजी में काम कर रहा है. अभियोग जल्दबाजी में और बिना किसी तथ्य के लगता है. इसमें राजनीतिक साजिश के निशान हैं.” उन्होंने अनुमान लगाया कि गौतम अडानी द्वारा डोनाल्ड ट्रम्प को उनकी चुनावी सफलता पर सार्वजनिक रूप से बधाई देने से अनुचित जांच हो सकती है. अडानी समूह का रुख अडानी समूह ने कानूनी चैनलों के माध्यम से आरोपों का समाधान करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. कंपनी ने कहा, “हम आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन करते हैं और अपने बचाव के लिए हर संभव कानूनी उपाय अपनाएंगे.”
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