गाजीपुर : जेल में बंद माफिया डॉन से नेता बने मुख्तार अंसारी Mukhtar Ansari और उसके करीबी सहयोगी सोनू यादव को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने शुक्रवार को 10 साल की सजा सुनाई. अदालत ने Mukhtar Ansari को 2009 के गैंगस्टर एक्ट मामले में दोनों पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. सितंबर 2022 के बाद से यह अंसारी की छठी सजा है.
Mukhtar Ansari को किस मामले में सुनाई गई सज़ा ?
ग़ाज़ीपुर एमपी/एमएलए अदालत ने गुरुवार को मुख्तार अंसारी और उसके सहियोगी को 2009-2010 में करंडा पुलिस स्टेशन के तहत एक शिक्षक कपिल देव सिंह की हत्या और मीर हसन नामक व्यक्ति की हत्या के प्रयास के मामले में दोषी पाया था.
ग़ाज़ीपुर के अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी), नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि, मृतक कपिलदेव सिंह गाजीपुर के सबुआ और मीर हसन मोहम्मदाबाद के रहने वाले थे. 2009 में कपिल देव सिंह की हत्या और मीर हसन की हत्या के प्रयास के बाद पुलिस ने दोनों मामलों में शिकायत के आधार पर मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था.
Mukhtar Ansari किन-किन मामलों में काट रहा है जेल की सज़ा ?
उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि अंसारी को इससे पहले इस साल 5 जून को वाराणसी एमपी/एमएलए अदालत ने दोषी ठहराया था. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या के मामले में अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
3 अगस्त 1991 को, राय पर गोलियों से हमला किया गया था जब वह और भाई अजय वाराणसी के लहुराबीर इलाके में अपने घर के बाहर खड़े थे. एक वैन में आए पांच हमलावरों ने राय पर गोलियां चला दीं, जिसके बाद अस्पताल ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. कहा जाता है कि राय की हत्या एक अन्य गैंगस्टर-राजनेता ब्रिजेश सिंह के साथ अंसारी की दुश्मनी का नतीजा थी, जिसके साथ राय का करीबी माना जाता था.
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