उत्तर भारत में उत्तर प्रदेश के बलिया में चल रही लू के कारण 54 लोगों की मौत हो गई है, जबकि पिछले तीन दिनों में बिहार में 44 लोगों की मौत हुई है.
बलिया में हुई मौतों के चलते उत्तर प्रदेश सरकार को जांच शुरू कर जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक दिवाकर सिंह को आजमगढ़ स्थानांतरित कर दिया है. उन्हें आजमगढ़ मंडल का अपर निदेशक (स्वास्थ्य) बनाया गया है.
गौरतलब है कि अकेले बलिया ही लू की चपेट में नहीं है. यूपी के कई अन्य जिलों और उत्तर भारत के अन्य राज्यों में भी भीषण गर्मी पड़ रही है.
बलिया में मरने वाले ज्यादातर 60 साल से अधिक के थे
बलिया के एक जिला अस्पताल में भर्ती कम से कम 54 लोगों की 15, 16 और 17 जून के बीच भीषण गर्मी के कारण मृत्यु हो गई, जिससे उनकी पहले से मौजूद बीमारियाँ बढ़ गईं.
अधिकारियों ने कहा कि ज्यादातर मरीज 60 साल से अधिक उम्र के थे. जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि 15 जून को 23 लोगों की मौत हुई, जबकि 16 जून की दोपहर तक 11 लोगों की मौत हो गई. हालांकि, बाद में शुक्रवार को अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 10 और लोगों की मौत हो गई है.
डॉ एसके यादव को बलिया के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का प्रभार दिया गया है.
बलिया के मुख्य चिकित्सा अधिकारी जयंत कुमार ने शनिवार को एसोसिएटेड प्रेस को बताया, “सभी व्यक्ति किसी न किसी बीमारी से पीड़ित थे और अत्यधिक गर्मी के कारण उनकी स्थिति खराब हो गई थी।” उन्होंने कहा कि ज्यादातर मौतें हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और डायरिया के कारण हुई हैं.
बिहार में 44 लोगों की मौत
वहीं बिहार में, 44 मौतों में से 35 की मौत अकेले पटना में हुई है – नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एनएमसीएच) में 19 और पीएमसीएच में 16 मरीजों की मौत हुई है. इंडिया टुडे ने बताया कि राज्य के अन्य जिलों में नौ लोगों की मौत हुई है.
एहतियात के तौर पर पटना के सभी स्कूलों को 24 जून तक के लिए बंद कर दिया गया है.
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