Modi cabinet 3.0 : मोदी सरकार मे अक्सर बड़े फैसले चौंकाने वाले होते हैं. इस बार मोदी सरकार 3.0 के गठन में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने के लिए मिला है. मोदी कैबिनेट के गठन के लगभग 24 घंटे हो गये हैं. मंत्रिमंडल के गठन के 24 घंटे बाद भी अभी तक मंत्रिमंडल में विभागों का बंटबारा नहीं हुआ. इस मंत्रिमंडल में कई चौकाने वाले काम हुए हैं. इस बार कैबिनेट में कुछ ऐसे नाम भी शामिल हैं जिन्होंने लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा और लड़े भी तो हार गये, लेकिन मोदी 3.0 में जातीय – सामाजिक समीकऱण के तहत उन्हें सरकार में जगह मिल गई है.
Modi cabinet 3.0
मोदी मंत्रिमंडल में 30 कैबिनेट और 5 राज्यमंत्री , 5 स्वतंत्र प्रभार और 36 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली है.हमेशा की तरह इस मंत्रिमंडल में कई चेहरे ऐसे हैं जो चुनाव हार गये लेकिन मंत्रिमंडल में जगह मिल गई है. पंजाब में लुधियाना सीट से चुनाव हारे रवनीत बिट्टू के मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली है. बिट्टू हाल ही में कांग्रेस छोड़ बीजेपी मे शामिल हुए थे. बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते हैं.
महाराष्ट्र से आने वाले आरपीआई के नेता रामदास आठवले को भी राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है. आठवले अपनी पार्टी के इकलौते सांसद है जो राज्यसभा के सदस्य हैं. महाराष्ट्र से आते है और दलित समुदाय के नेता है. आठवले ने इस बार लोकसभा चुनाव में अपने पार्टी सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ा बल्कि महाराष्ट्र में एनडीए को समर्थन दिया. इसका इनाम मोदी उन्हें कैबिनेट में जगह देकर दिया गया.
वहीं इस बार मोदी सरकार-1 और मोदी सरकार-2 के स्टार मंत्रियों में से एक अनुराग ठाकुर को कैबिनेट में कोई जगह नहीं दी गई है. अनुराग ठाकुर मोदी सरकार में खेल एवं युवा मामले , सूचना प्रसारण जैसे विभाग की जिम्मेदारी दी गई लेकिन इस बार वो मोदी कैबिनेट से बाहर हैं. कहा जा रहा है कि इस बार जेपी नड्डा ( वर्तमान बीजेपी अध्यक्ष) को कैबिनेट में बड़ी जगह देने केलिए अनुराग ठाकुर के बाहर रखा गया है, क्योंकि दोनो नेता हिमाचल से ही आते हैं. कहा जा रहा है कि एक कैबिनेट में एक ही प्रदेश के दो नेताओं को स्थान देना सरकार के लिए जरा मुश्किल था .
रविशंकर प्रसाद रहे खाली हाथ
मोदी सरकार में इस बार बिहार से 8 मंत्री बनाये गये हैं. 4 दलों से 8 नेताओं के मंत्रीमद दिया गया है. वहीं मोदी सरकार में कानून मंत्री रहे रविशंकर प्रसाद ने इस बार भी पटना साहिब सीट से जीत हासिल की है, लेकिन इस बार उन्हें मंत्रिमंडल मे जगह नहीं दी गई है.
राजीव प्रताप रुड़ी
बिहार के मुजफ्फरपुर सारण सीट से लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य को हराने वाले राजीव प्रतार रुड़ी इस बार भी मंत्रिमंडल से बाहर हैं. रुडी पिछली सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं, लेकिन कौशल विकास के मामले में कई आरोंपो के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था. हलांकि इस बार उनका टिकट नहीं कटा था तो उम्मीद की जा रही थी कि जीते तो उन्हें फिर से मंत्रीपद मिल सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.