Thursday, November 21, 2024

Mirwaiz Umar Farooq: 4 साल बाद नजरबंदी से रिहा हुए मीरवाइज श्रीनगर की जामिया मस्जिद पहुंच रो पड़े

जम्मू कश्मीर में मोदी सरकार द्वारा 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के मद्देनजर हिरासत में लिए गए हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक को 4 साल बाद नजरबंदी से रिहा कर दिया गया. रिहाई के बाद फारूक ने श्रीनगर की जामिया मस्जिद में शुक्रवार की सामूहिक नमाज का नेतृत्व किया.

मस्जिद में रो पड़े मीरवाइज

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक चार साल बाद नजरबंदी से रिहा होने के बाद जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में जामिया मस्जिद पहुंचे. यहां उन्होंने शुक्रवार की नमाज़ पढ़वाई और उसके बाद उपदेश (खुतबा) देते समय वह भावुक होकर रो पड़े.

मीरवाइज से खटखटाया था हाईकोर्ट का दरवाज़ा

मीरवाइज ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय का रुख किया था, जिसमें उन्होंने “बिना किसी आदेश या कानून के अधिकार के” अपने घर में नजरबंदी को चुनौती दी थी और प्रतिवादियों (जम्मू-कश्मीर अधिकारियों) को “अवैध और अनधिकृत हिरासत” से रिहा करने के लिए आदेश या निर्देश देने की मांग की थी. उन्होंने अदालत से गुहार लगाई थी कि उन्हें शुक्रवार को उपदेश (खुतबा) देने और श्रीनगर की ग्रैंड मस्जिद में शुक्रवार की सामूहिक प्रार्थना का नेतृत्व करने की अनुमति दी जाए और “एक नागरिक के रूप में उनकी स्वतंत्र आवाजाही सहित उनके दैनिक जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर किया जाए”. उन्होंने मांग कि थी कि (भारतीय) संविधान के तहत उन्हें दी गई स्वतंत्रता का लाभ उठाने की अनुमति दी जाए.
अदालत ने 15 सितंबर को जम्मू-कश्मीर प्रशासन को मीरवाइज की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया था.

उमर अब्दुल्ला ने किया मीरवाइज की रिहाई का स्वागत

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने इस कदम का स्वागत किया और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन उन्हें (फारूक को) स्वतंत्र रूप से घूमने, लोगों के साथ बातचीत करने और उनकी सामाजिक/धार्मिक जिम्मेदारियों को फिर से शुरू करने की अनुमति देगा.
एक्स (x) पर अपने पोस्ट में अब्दुल्ला ने लिखा, “आज कश्मीर में निगाहें मीरवाइज पर होंगी क्योंकि वह 2019 के बाद जामिया मस्जिद में अपना पहला शुक्रवार का उपदेश देंगे.”


मीर वाइज उमर फारूक को 4 अगस्त 2019 से उनके घर में ही नजरबंद कर दिया गया था , इससे एक दिन बाद केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया था  जिसमें जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया था.

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