इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद से जुड़े मामले में जवाब दाखिल न करने पर मिनिस्ट्री आफ कल्चर पर 10 हजार का जुर्माना लगा दिया. इसके बाद कोर्ट ने सरकार को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 31 अक्टूबर तक समय दे दिया.
हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी का एएसआई से सर्वेक्षण कराए जाने के मामले में मांगा था हलफनामा,लेकिन हाईकोर्ट में एएसआई के डायरेक्टर जनरल की ओर से आज भी व्यक्तिगत हलफनामा नहीं पेश किया गया. अब 31 अक्टूबर को मामले की अगली सुनवाई होगी .
हाईकोर्ट को मुख्य रूप से यही तय करना है कि वाराणसी की अदालत में 1991 में दाखिल किए गए मुकदमे की सुनवाई हो सकती है या नहीं. स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर विराजमान के वाद मित्रों ने 1991 में वाराणसी की अदालत में मुकदमा दाखिल किया था.
इस मुकदमे की सुनवाई पर फिलहाल 31 अक्टूबर तक रोक लगी हुई है. पिछले साल वाराणसी की जिला अदालत ने विवादित परिसर का एएसआई से सर्वेक्षण कराए जाने का आदेश दिया था. ASI से सर्वेक्षण कराए जाने के निचली अदालत के आदेश पर हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा रखी है.जस्टिस प्रकाश पाडिया की सिंगल बेंच कर रही है मामले की सुनवाई.
श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना को लेकर राखी सिंह व अन्य महिलाओं की याचिका जिला कोर्ट वाराणसी ने 12 सितंबर को स्वीकार कर ली है.कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की आपत्ति खारिज करते हुए महिलाओं की याचिका को सुनवाई योग्य माना है.
मस्जिद इंतजामिया कमेटी द्वारा जिला कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल एक नई याचिका पर भी हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है.
फिलहाल ज्ञानवापी विवाद से जुड़ी हुई पांच अर्जियों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. इनमें से तीन अर्जियों पर 12 सितंबर को ही सुनवाई पूरी हो चुकी है. सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ दाखिल दो अर्जियों पर ही अब आगे सुनवाई होनी है. इनमें एक अर्जी ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी और दूसरी यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से दाखिल की गई है.