बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के सबसे पुराने उग्रवादी समूह यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट ने केंद्र के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर जानकारी देते हुए कहा कि “एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई!!!”
अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट कर दी जानकारी
शाह ने एक एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर दी जानकारी में कहा, “एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई!!!
पूर्वोत्तर में स्थायी शांति स्थापित करने के मोदी सरकार के अथक प्रयासों में एक नया अध्याय जुड़ गया है. यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) ने आज नई दिल्ली में एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए.
मणिपुर का सबसे पुराना घाटी स्थित सशस्त्र समूह यूएनएलएफ हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने पर सहमत हो गया है. मैं लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में उनका स्वागत करता हूं और शांति और प्रगति के पथ पर उनकी यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं।“
A historic milestone achieved!!!
Modi govt’s relentless efforts to establish permanent peace in the Northeast have added a new chapter of fulfilment as the United National Liberation Front (UNLF) signed a peace agreement, today in New Delhi.
UNLF, the oldest valley-based armed… pic.twitter.com/AiAHCRIavy
— Amit Shah (@AmitShah) November 29, 2023
सरकार ने कई ‘मैतेई’ उग्रवाद संगठनों पर लगाया था बैन
17 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने एक अधिसूचना जारी कर कई ‘मैतेई’ उग्रवाद संगठनों को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत “गैरकानूनी संगठन” घोषित किया था.
इस शांति समझौते को उसी कदम का नतीजा माना जा रहा है. गृह मंत्रालय (MHA) की अधिसूचना में जिन चरमपंथी संगठनों के नाम थे उसमें UNLF भी शामिल था.
यूएनएलएफ क्या है?
24 नवंबर, 1964 को एरियाबम समरेंद्र सिंह के नेतृत्व में स्थापित, यूएनएलएफ उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर में का सबसे पुराना मैतेई विद्रोही समूह है.
70 और 80 के दशक में, समूह ने मुख्य रूप से लामबंदी और भर्ती पर ध्यान केंद्रित किया. जबकि 1990 में, इसने भारत से मणिपुर की ‘मुक्ति’ के लिए एक सशस्त्र संघर्ष शुरू करने का निर्णय लिया. और उसी साल, मणिपुर पीपुल्स आर्मी (एमपीए) नामक एक सशस्त्र विंग का गठन भी किया.
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