Saturday, April 12, 2025

पुलिस के निशाने पर गैंगवॉर का प्रमुख अपराधी, दिल्ली में सख्त कार्रवाई की योजना

नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में गैंगवॉर खत्म करने के लिए पुलिस ने गैंगस्टर हाशिम बाबा गैंग से जुड़े अहम किरदारों पर कानूनी शिकंजा कस दिया है। पिछले साल जीके-1 में हुए नादिर शाह मर्डर की साजिश के तहत साबिर चौधरी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है। पुलिस अफसरों के मुताबिक, पुराना गैंगस्टर साबिर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में गैंगवॉर के आगाज का अहम किरदार रहा है। अनवर चाचा की भी तलाश है, जिसे गैंग का 'चाणक्य' माना जाता है। नादिर शाह मर्डर में सरकारी गवाह बने गुर्गे पर पलटने का दबाव बनाने का केस भी मंडे को दर्ज हुआ है। अब गोकुलपुरी थाने में पिछले साल दर्ज मकोका की तलवार भी दोनों पर लटक गई है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि साबिर चौधरी को क्राइम ब्रांच ने अब्दुल नासिर पर 2019 में लगे मकोका के दायरे में लाने की कोशिश की थी। तकनीकी वजह से नाकाम रही। हालांकि हाशिम बाबा और विदेश भाग चुके राशिद केबलवाला उस मकोका में आरोपी हैं। इसके बाद स्पेशल सेल ने 2020 में तो भजनपुरा पुलिस ने 2022 में साबिर को आर्म्स एक्ट के तहत अरेस्ट किया। लेकिन हाशिम बाबा गैंग से पुलिस कभी इसका सीधा कोई लिंक नहीं ढूंढ सकी थी। नादिर शाह मर्डर में सरकारी गवाह बने गैंग के गुर्गे ने अपने बयान में साबिर चौधरी का नाम लिया है। इससे उसकी मुश्किलें बढ़ गईं।

डराने-धमकाने का केस दर्ज

अब गवाह को डराने-धमकाने का केस दर्ज हो गया है। स्पेशल सेल की टीमें साबिर और अनवर समेत बाबा गैंग के मेंबरों की तलाश में छापेमारी कर रही हैं। नादिर मर्डर की जांच में सामने आए सभी सक्रिय गैंग मेंबरों पर स्पेशल सेल शिकंजा कस रही है। बाबा की पत्नी जोया को 25 फरवरी को इस केस में गिरफ्तार किया जा चुका है। इस पूरे प्रकरण में विदेश से गैंग को ऑपरेट कर रहे राशिद केबलवाला का नाम भी सामने आया है। इसी का नाम लेकर सरकारी गवाह पर दबाव बनाने की बात सामने आई है। केबलवाला 31 अक्टूबर 2024 की रात बिहारी कॉलोनी के डबल मर्डर में भी वॉन्टेड है।

साबिर पर मकोका-मर्डर समेत 14 केस

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में गैंगवॉर का आगाज 2006 से अनवर ठाकुर और सलीम पहलवान के बीच हुआ। सलीम के भाई नईम ने अनवर के करीबी इब्राहिम उर्फ बद्दू का 2006 में मर्डर किया। अनवर के गुर्गों ने जुलाई 2008 में सलीम गैंग के शमीम चौधरी की हत्या की, जो साबिर चौधरी का बड़ा भाई था। साबिर चौधरी और छोटे भाई बाबर ने दो हत्यारों को उसी दिन ढेर कर दिया। एक महीने बाद एक अन्य आरोपी का भी मर्डर किया। विरोधी गैंग के एक और मेंबर की हत्या भी अगले दिन की। साबिर पर 2009 में मकोका लगा, जो बाद में बरी हो गया।

विधानसभा चुनाव लड़ चुका है चौधरी

पुलिस सूत्रों ने बताया कि अनवर गैंग के अकिल डॉन समेत सात बदमाशों ने 2010 में सलीम पहलवान की हत्या की। इस गैंगवॉर में 15 से ज्यादा मर्डर हुए। इसके बाद अकिल डॉन-छेनू पहलवान और अब्दुल नासिर-हाशिम बाबा के बीच गैंगवॉर शुरू हुई। 54 साल के साबिर चौधरी 2007 में यूपी की खतौली विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान पर उतरा था। वह एरिया का अनजान चेहरा था, लेकिन बीएसपी के विजेता कैंडिडेट से महज चार हजार वोट से हारा था। दरअसल इसकी पत्नी फामिदा के रिश्तेदार वहां जिला पंचायत के सदस्य थे, जिन्होंने इसकी मदद की थी।

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