महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी अपने गृह राज्य लौट जाना चाहते है. राज्यपा के करीबियों सूत्रों का कहना है कि वह अब अपने पद और जिम्मेदारी से मुक्त होने चाहते है. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी शिवाजी पर दिए अपने विवादास्पद बयान के चलते आलोचनाओं के केंद्र में है. उनकी टिप्प्णि से सिर्फ विपक्ष ही नहीं सत्ता पक्ष भी नाराज़ है. कहा जा रहा है कि केंद्र को भी उनका बयान अच्छा नहीं लगा है. जानकारों का मानना था कि ऐसे में कोशियारी का राज्यपाल के पद से इस्तीफा संभव है.
कौन कौन है कोशियारी से नाराज
तो बात अगर नाराज़ लोगों की करें तो राज्यपाल से विपक्ष के साथ-साथ बीजेपी के विधायक भी नाराज़ हो गए है. महाविकास अघाड़ी की पार्टियां शिव सेना (उद्धव), कांग्रेस, एनसीपी पहले ही राज्यपाल पर एक्शन की मांग कर चुकी है. विपक्ष तो सत्ताधारी बीजेपी और शिवसेना (शिंदे) गुट को इस मामले पर बख्श ने के मूड में नहीं है. लेकिन बीजेपी के अपने सांसद भी कोशियारी के बयान से नाराजगी जता चुकें हैं. बीजेपी सांसद उदयन राजे भोसले और पूर्व सांसद संभाजीराजे छत्रपति ने खुलकर राज्यपाल का विरोध किया था.
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने क्या दिया था बयान
एक कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा था, ‘हम जब पढ़ते थे, मिडिल स्कूल में थे, हाईस्कूल में थे, तो उस हमारे टीचर हमसे पूछते थे, आपका पसंदीदा नेता कौन है? हम लोग उस समय, जिसे जो अच्छा लगता था, सुभाषचंद्र बोस अच्छे लगे, जिसे जवाहरलाल नेहरू अच्छे लगे, या जिसे महात्मा गांधी अच्छे लगते थे, उन्हें अपना हीरो बताते थे. लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि कोई आपसे पूछे कि हू इज योर आइकन, हू इज योर फेवरिट हीरो, तो आपको बाहर जाने की कोई आवश्यकता नहीं है. यहीं महाराष्ट्र में आपको मिल जाएंगे. शिवाजी तो पुराने युग की बात हैं, मैं नए युग की बात बोल रहा हूं, यहीं मिल जाएंगे डा. भीमराव आंबेडकर से लेकर डॉ. नितिन गडकरी तक, यहीं मिल जाएंगे आपको आपके आइकन।’