Monday, November 17, 2025

मध्य प्रदेश में ठंड शबाब पर, कोल्ड वेव दे सकती है चोट, ऐसे रखें खुद को सुरक्षित

- Advertisement -

शहडोल: मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. भोपाल, राजगढ़ और शहडोल सहित कई शहरों में न्यूनतम तापमान 7 डिग्री से नीचे पहुंच गया है. शहडोल जिले में पिछले कुछ दिनों से कड़ाके की ठंड पड़ रही है, जिससे लोगों का हाल बेहाल है. मौजूदा साल जैसे ही ठंड की शुरुआत हुई है तेजी के साथ तापमान गिरा और कड़ाके की ठंड शुरु हो गई. जिससे लोगों की परेशानी भी बढ़ गई है.

शहडोल में कड़ाके की ठंड
शहडोल जिले में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. दिन में ठंडी हवाएं चलती हैं, रात में आलम ये रहता है की शाम को 8:00 बजे के बाद ही गांव की सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है. शहरों में भी लोगों की आवाजाही कम हो जाती है. सड़कों पर ठंड का असर साफ देखा जा सकता है. राम प्रसाद रजक इलेक्ट्रिक का काम करते हैं, अपने गांव से 15 किलोमीटर हर दिन काम करने जाते हैं. वो कहते हैं कि, "इन दिनों घर लौटते समय ठंड से हाल बेहाल हो जाता है. उनकी कोशिश रहती है कि शाम को जल्द से जल्द घर लौटें. दिन में ठंडी हवाएं चलती हैं, बच्चे और बुजुर्ग तो धूप में बैठे हुए दिखाई देते हैं. दिन में धूप का भी असर शरीर में नहीं हो रहा है. ऐसा लग रहा है मानो इस बार कड़ाके की ठंड पड़ने वाली है.''

शहडोल में 7 डिग्री से नीचे पहुंचा तापमान
शहडोल जिले में 10 नवंबर से 15 नवंबर तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो शहडोल में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. न्यूनतम तापमान 6 से 7 बीच रह रहा है. शनिवार को शहडोल में न्यूनतम तापमान लगभग 7.00 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. 10 नवंबर को 7.2 न्यूनतम तापमान रहा, 11 नवंबर को 7.5 न्यूनतम तापमान रहा, 12 नवंबर को 6.99 न्यूनतम तापमान रहा, 14 नवंबर को 7.2 न्यूनतम तापमान रहा, और 15 नवंबर को शहडोल जिले का न्यूनतम तापमान 6.5 डिग्री रहा.

ठंड से ऐसे करें बचाव
इस कड़ाके की ठंड को लेकर आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव बताते हैं कि, ''ठंड का असर इलाके में हो रहा है यह चिंता का विषय है. क्योंकि खासकर वृद्ध और बच्चों के लिए तो इस सीजन में बीमारी का स्तर बढ़ जाता है. क्योंकि इनमें इम्यूनिटी कम होती है, ऐसे समय पर जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, उनका विशेष ध्यान देना चाहिए.

जैसे बच्चों को इस मौसम में सर्दी, जुकाम, बुखार आमतौर पर होता ही रहता है. कोशिश करें कि उन्हें स्वेटर पहना कर गर्म कपड़े पहनाकर, कान ढंक कर रखें और ठंडे पानी के कांटेक्ट में कम से कम रखें. स्नान कराना है तो गुनगुने पानी से स्नान कराएं. जब पूरे शरीर का तापमान नॉर्मल हो जाए तभी वॉशरूम से बाहर निकलें, कुछ ऐसा ही वृद्ध लोगों के साथ में भी है.''

आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव ने बताया''ठंडे पानी से स्नान न करें और खासकर ऐसे लोग जिन्हें फेफड़े और हृदय संबंधी समस्या है वह ठंडे पानी का उपयोग बिलकुल भी ना करें. गुनगुने पानी का उपयोग करें. पीने के लिए भी गुनगुने पानी का उपयोग करें. क्योंकि ठंडे पानी से समस्या और बढ़ सकती है. डायरेक्ट छाती में ठंडी हवा लगने से उनकी समस्या और बढ़ सकती है. वृद्ध लोग जिन्हें अर्थराइटिस की प्रॉब्लम है उनको ठंड से बचना चाहिए. उनको घुटने कमर में जोड़ों में काफी तकलीफ बढ़ सकती है. ऐसे टाइम पर हॉट वॉटर बैग से सिकाई करना चाहिए, और कमरे का तापमान मेंटेन कर कर रखें.''

ठंड में क्या खाएं क्या न खाएं
आयुर्वेद डॉक्टर अंकित नामदेव बताते हैं कि, ''खानपान की बात है तो ऐसी चीजें जो स्वभाव में शीतल होती हैं उनसे थोड़ा परहेज करना चाहिए. जैसे केला और सीताफल खाने से बचना चाहिए. सूर्यास्त के बाद में तो बिल्कुल भी इनका सेवन न करें. चावल और दाल का सेवन रात को ना करें, क्योंकि ये सभी शीतल प्रवृत्ति की चीजें होती हैं. ऐसी चीजें जो स्वभाव में ठंडी हैं उनका रात को उपयोग बेहतर नहीं है. अदरक, दालचीनी, हल्दी का उपयोग करें, यह मसाले बॉडी को गर्म रखते हैं.''

ठंड के साथ ही गेहूं की बुवाई तेज
कड़ाके की ठंड के साथ ही अब क्षेत्र में गेहूं बुवाई का दौर भी शुरू हो चुका है. किसानों ने तेजी के साथ गेहूं बुवाई का काम शुरू कर दिया है. किसान राजकुमार सिंह बताते हैं कि, ''जिस तरह की ठंड पड़ रही है उसे देखते हुए गेहूं की बुवाई तेज हो चुकी है.''

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news