इंदौर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. पूर्व मुख्यमंत्री ने खुद पैरवी करते हुए अपना पक्ष रखा. उन्होंने मध्य प्रदेश में दंगों के दौरान प्रशासन की तरफ से की गई कार्रवाइयों का विस्तृत विवरण रखा. इस दौरान दिग्विजय सिंह ने कोर्ट से सुनवाई की लाइव स्ट्रीम बंद करवाने की दरख्वास्त की जिसे कोर्ट ने मान लिया.
दिग्विजय सिंह की तरफ से 2021 में हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका लगाई गई है याचिका
बता दें दिग्विजय सिंह की तरफ से 2021 में हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में एक याचिका लगाई गई थी. जिसमें कहा गया था कि मध्य प्रदेश में दंगा रोकने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिए गए निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है. उपद्रव, धार्मिक रैली और जुलूस को लेकर सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट गाइडलाइन है, जिसका पालन नहीं हो रहा है. इस दौरान दिग्विजय सिंह ने कोर्ट को बताया कि मध्य प्रदेश में कई जगहों पर दंगे हुए लेकिन दंगा होने पर पुलिस की तरफ से मुस्लिम पक्ष पर ही कार्रवाई की गई.
दिग्विजय सिंह ने कोर्ट से यह भी विनती की कि इस मामले में एक कमेटी गठित होना चाहिए. जिसमें चीफ सेक्रेटरी और अन्य लोगों को इसमें शामिल किया जाए. दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश में संविधान बचा नहीं है. यहां सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
पैरवी में दिग्विजय सिंह ने मक्सी, रतलाम, मंदसौर, खरगोन की घटनाओं का जिक्र किया
उन्होंने मक्सी, रतलाम, मंदसौर, खरगोन सहित कई घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इन सभी जगह पर हिंदू पक्ष की तरफ से दंगे की शुरुआत की गई थी लेकिन कार्रवाई मुस्लिम पक्ष पर हुई. दिग्विजय सिंह ने कोर्ट को यह भी जानकारी दी कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि जिन जगहों पर सबसे अधिक दंगे होते हैं वहां दंगों को रोकने के लिए नोडल अधिकारी को तैनात किया जाएगा. साथ ही जिन जिलों में सबसे अधिक दंगे-फसाद होते हैं उन जगहों को चिह्नित भी किया जाएगा. लेकिन मध्य प्रदेश में इन आदेशों का सख्ती से पालन नहीं हो रहा है
साथ ही मॉब लिंचिंग को लेकर भी मध्य प्रदेश सरकार कुछ सक्रिय नहीं है जबकि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है कि मॉब लिंचिंग रोकने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार रेडियो, टेलीफोन और सोशल मीडिया के माध्यम से विज्ञापन जारी करेगी. लेकिन कहीं पर भी इस तरह का विज्ञापन नजर नहीं आता. हेट स्पीच को लेकर भी आदेश है लेकिन अभी तक उसको लेकर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई. दिग्विजय सिंह ने कहा कि हेट स्पीच चाहे कट्टरपंथी हिंदू करे या मुस्लिम करे, दोनों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
दिग्विजय सिंह ने बजरंग दल, आरएसएस और बीजेपी के लोगों पर भी कई गंभीर आरोप लगाए
इस दौरान दिग्विजय सिंह ने बजरंग दल, आरएसएस और बीजेपी के लोगों पर भी कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कोर्ट से यह विनती की 2021 से मेरी पिटीशन पर किसी तरह का कोई एक्शन नहीं हो रहा है. आज 4 साल बीत चुके हैं मैं कोर्ट से दरख्वास्त करता हूं कि मामले में सुनवाई की जाए.
मीडिया से बातचीत करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग संविधान का पालन करना चाहते हैं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन करवाने के लिए आवेदन देने वाले को अपराधी घोषित कर दिया जाता है.

