Friday, October 24, 2025

12 दिन, 2 देश, 6 शहर, 4000 KM: काठमांडू पहुंची अर्चना तिवारी की कहानी में है जबरदस्त ट्विस्ट

- Advertisement -

Archana Tiwari Missing Twist  इंदौर : 7 अगस्त को नर्मदा एक्सप्रेस से रहस्यमय ढंग से लापता हुई अर्चना तिवारी को 20 अगस्त को पुलिस ने लखीमपुर खीरी के पास से बरामद कर लिया. एक फोन कॉल से पता चला कि वह नेपाल चली गई थीं और उनकी लोकेशन काठमांडू में मिली थी. पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वह काठमांडू कैसे और क्यों गईं ?

Archana Tiwari Missing Twist : प्लानिंग सुन पुलिस भी रह गई हैरान

अर्चना तिवारी रक्षा बंधन पर घर से निकली थीं. वह नर्मदा एक्सप्रेस में एसी कोच B3 की सीट नंबर 3 पर बैठी थीं. रानी कमलापति स्टेशन के पास उनकी आखिरी लोकेशन ट्रेस हुई और उसके बाद उनका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया. अर्चना के अचानक ट्रेन से लापता हो जाने से हड़कंप मच गया. अर्चना की लोकेशन भी कहीं नहीं मिल रही थी. इसके अलावा आसपास के किसी भी स्टेशन पर उसके उतरने के भी सबूत नहीं मिले.

परिवार की शिकायत पर दर्ज हुआ मामला

परिवार की शिकायत पर जीआरपी ने शिकायत दर्ज की. ऑल इंडिया सर्चिंग के आदेश भी जारी हुए लेकिन अर्चना का कहीं कोई सुराग नहीं लगा. जानकारी के मुताबिक 12 दिन बाद अर्चना तिवारी ने अपनी मां को कॉल किया. कॉल की लोकेशन नेपाल आ रही थी. इससे साफ हो गया कि अर्चना भारत में नहीं बल्कि नेपाल की राजधानी काठमांडू में है.

काठमांडू मे मिली लोकेशन

अर्चना को ट्रेस किया गया. लोकेशन की जानकारी मिलते ही अर्चना को नेपाल-भारत बॉर्डर पहुंचकर सीमा पार आने के लिए कहा गया. वहीं से उसे बरामद कर भोपाल लाया जा रहा है. हालांकि अब सवाल पैदा हो रहा है कि अर्चना काठमांडू कैसे और किसके साथ पहुंची. पुलिस जांच में एक नाम सामने आय़ा था राम सिंह तोमर. जानकारी मिली कि इसी व्यक्ति ने अर्चना का कटनी से ग्वालियर का टिकट किया था. पूछताछ में पता चला कि राम तोमर ने कभी अर्चना को सामने से नहीं देखा है. बस मोबाइल से ही बातचीत हुई है. गुमशुदगी से उसका कोई लेना-देना नहीं है. न उसे इस बात की जानकारी है.

रेल एसपी ने किया पूरी घटना का खुलासा

रेल एसपी राहुल लोढ़ा ने बताया कि यह मामला प्रेम प्रसंग का नहीं है. अर्चना शादी तय होने से नाराज होकर घर से भागी थी. उसकी मदद दो लोगों ने की थी. सारांश जोगचंद, जो ड्रोन का बिजनेस करता है, और तेजिंदर सिंह, एक ड्राइवर. परिवार शादी का दबाव बना रहा था, पर अर्चना तैयार नहीं थी, इसलिए वह अपने दोस्त सारांश की मदद से घर से भाग गई.

पूरी प्लानिंग के साथ निकली थी अर्चना

अर्चना ने चलती ट्रेन से भागने का फैसला किया ताकि लगे कि वह लापता हो गई है. वह वकील थी, इसलिए जानती थी कि जीआरपी में केस दर्ज होगा. पुलिस के अनुसार, तेजिंदर, सारांश के जरिए अर्चना को जानता था. उसने बताया कि इटारसी स्टेशन पर कैमरे नहीं हैं. सारांश ने अर्चना के लिए नए कपड़े खरीदे और उसे अपनी एसयूवी से नर्मदापुरम पहुंचाया, जहां उसे तेजिंदर मिला.

इस रूट से निकली फिर काठमांडू पहुंची

इटारसी से अर्चना शुजालपुर पहुंची और गाड़ी से नहीं उतरी. उन्होंने ध्यान रखा कि रास्ते में सीसीटीवी कैमरे और टोल नाके न मिलें. वे इंदौर से बुरहानपुर गए, फिर हैदराबाद की बस पकड़ी. दो दिन एक रात हैदराबाद में रुके. मामला बढ़ने पर उन्होंने भारत छोड़ने का फैसला किया. बस से जोधपुर पहुंचे और फिर दिल्ली. दिल्ली से अर्चना काठमांडू चली गई और सारांश वापस आ गया.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news