Sunday, July 6, 2025

टेलिकॉम कंपनी की वजह से इंदौर की सड़क पर बना गड्ढा, नगर निगम ने ठोका भारी जुर्माना

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इंदौर: विजयनगर थाना क्षेत्र के स्कीम नंबर 54 में शुक्रवार को सड़क का एक बड़ा हिस्सा धंस गया था, जिससे वहां पर करीब 5 फीट का गहरा गड्ढा हो गया था. मामला सामने आने पर नगर निगम द्वारा तत्काल गड्ढे को भर दिया गया था और अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी गई थी. अब जांच पूरी हो गई है और नगर निगम ने एक निजी टेलिकॉम कंपनी को इस गड्ढे के लिए जिम्मेदार ठहराया है. मामले में विजयनगर थाने में प्राइवेट कंपनी से जुड़े 2 ठेकेदारों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है.

टेलिकॉम कंपनी के ठेकेदार को ठहराया जिम्मेदार

शहर में अचानक सड़क धंसने के बाद इंदौर नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे थे. इससे इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ शहर बनाने में अहम भूमिका निभाने वाली इंदौर नगर निगम की छवि धूमिल हुई थी. मामला सामने आने के बाद नगर निगम के अधिकारियों द्वारा अपने स्तर पर पूरे मामले की पड़ताल की गई, इसके बाद नगर निगम के जोन क्रमांक-7 के अधिकारी सुनील सिंह जादौन की शिकायत पर विजयनगर पुलिस ने निजी टेलिकॉम कंपनी के अधिकृत ठेकेदार जगदीश शर्मा और एक अन्य प्राइवेट लिमिटेड के प्रोपराइटर तरुण मौर्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया.

2 ठेकेदारों के खिलाफ केस दर्ज

दोनों ठेकेदारों पर दोनों पर आरोप है कि टेलिकॉम कंपनी की फाइबर केबल डालने के लिए बिना अनुमति संबंधित ठेकेदार तरुण मौर्य द्वारा गड्ढा खुदवाया गया, लेकिन उसको ठीक से भरा नहीं गया और इसी वजह से वहां पानी का रिसाव हुआ और वो सड़क अचानक धंस गई. हालांकि सड़क धंसने से कोई जनहानि नहीं हुई थी, लेकिन सोशल मीडिया पर गड्ढे को लेकर लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दीं और नगर निगम पर सवाल खड़े किए थे. नगर निगम ने पहले ताबड़तोड़ गड्ढा भरवा दिया था, लेकिन शनिवार को फिर खुदाई कर फूटी पाइप लाइन को सुधारा गया.

 

 

नगर निगम ने एयरटेल पर लगाया 4 लाख का जुर्माना

इंदौर एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया का कहना है कि "मामले में नगर निगम के अधिकारी की शिकायत पर बिना अनुमति गड्ढा खोदने वाले ठेकेदारों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया है. पुलिस द्वारा पूरे मामले की जांच पड़ताल की जा रही है." बता दें कि नगर निगम आयुक्त ने उक्त टेलिकॉम कंपनी पर 4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने कंपनी के खिलाफ एफआईआर कराने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में कोई भी कंपनी बिना नगर निगम की अनुमति के कोई कार्य करने की गलती न करे.

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