संवाददाता अजय धारी सिंह, मधुबनी (Madhubani): बिहार के मधुबनी में सरकारी हॉस्पिटल से डॉक्टरों के ड्यूटी से नदारद रहने और उनकी एवज में स्टाफ एडवांस में उनकी हाजरी लगाने का मामला सामने आया है. इस मामले को संज्ञान में लेते हुए मधुबनी के सिविल सर्जन डॉक्टर नरेश कुमार भीमसरिया ने टीम गठित कर पूरे मामले की जांच के आदेश दिए है. टीम एक हफ्ते में रिपोर्ट देगी जिसके बाद दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की बात कही है.
एक भी डॉक्टर नहीं था अस्पताल में लेकिन हाज़री सबकी लगी हुई थी
मामला झंझारपुर के अररिया संग्राम स्थित ट्रॉमा सेंटर का है. सूबे की सरकार ने जनता को उच्च स्वास्थ्य लाभ के उद्देश्य की पूर्ति के लिए एनएच 57 पर ट्रामा सेंटर स्थापित किया है. यहां स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने की जिम्मेवारी के लिए तैनात डॉक्टर और स्टाफ खुद का लाभ लेने में लगे हैं. डाक्टर और स्टाफ हॉस्पिटल आए या न आए उनका हाजरी पहले से लग जाती है.
ऐसा ही मामला ट्रॉमा सेंटर में भी सामने आया है. बताया जा रहा है कि 14 फरवरी को जब रात में एक मरीज को लेकर परिजन चिकित्सा के लिए ट्रॉमा सेंटर पहुंचे तो वहां गेट बंद था. गेट खटखटाने के बाद गेट खुला, उसके बाद मरीज को लेकर परिजन अंदर गए. अंदर जाने पर परिजन ने देखा कि वहां कोई भी डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं था. पूरा हॉस्पिटल खाली था. उस रात प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ए०के० आनन्द की ड्यूटी थी, लेकिन वे भी नहीं थे.
Madhubani: इस मामले अपर सिविल सर्जन डॉक्टर नरेश कुमार भीमसरिया ने कहा
परिजनों ने गार्ड से उपस्थिति रजिस्टर लेकर उसकी तस्वीर ली तो उसमें प्रभारी और एक चिकित्सक 15 फरवरी तक हाज़री लगी हुई थी. इतना ही नहीं तीन चार चिकित्सा एवं कर्मी की भी 11, 12, 13, 14 फरवरी तक हाजरी थी. इसको लेकर परिजनों ने तत्काल सिविल सर्जन को फोन कर इस फर्जीवाड़े की जानकारी दी.
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मामला सामने आने के बाद पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉक्टर नरेश कुमार भीमसरिया ने कहा कि टीम गठित कर पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब करी जा रही है. उन्होंने कहा की ये मामला हमारे और डीएम साहब दोनों के संज्ञान में है. हमारे संज्ञान में आने के बाद कोई भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा. इस बार भी उनपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी.