Lok Sabha Election 2024 नहीं लड़ पाएंगे धनंजय सिंह. जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह मिली इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत तो मिल गई. लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जौनपुर के एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा दी गई जदयू के राष्ट्रीय महासिचव धनंजय सिंह Dhananjay Singh की 7 साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. जौनपुर कोर्ट ने बाहुबली पूर्व सांसद को रंगदारी और किडनैपिंग के मामले में दोषी करार पाते हुए 7 साल की सज़ा सुनाई है.
Dhananjay Singh धनंजय सिंह को किस मामले में हुई सजा?
दरअसल धनंजय सिंह को जिस मामले में सजा सुनाई गई है वो 10 मई 2020 का है, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में नमामी गंगे प्रोजेक्ट में काम कर रहे मैनेजर अभिनव सिंघल ने धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम पर अपहरण करने , धमकी देने और पिस्तौल दिखाकर रंगदारी मांगने का मामला दर्ज कराया था. अभिनव सिंघल ने धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम पर कई धाराओं में मामले दर्ज कराया था. धनंजय सिंह पर आरोप था कि उसके साथी संतोष विक्रम ने नमामी गंगे प्रोजेक्ट के मैनेजर का अपहरण किया और फिर उसे धनंजय सिंह के आवास पर बंधक बन कर रखा . इस बीच अभिनव सिंह को पिस्तौल सटाकर धमकी दी गई और रंगदारी भी मांगी गई. अदालत में सभी आरोप सही मानते हुए धनंजय सिंह को दोषी करार दिये.
पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं धनंजय सिंह
धनंजय सिंह पर सरकारी अफसर के साथ गाली गलौच करने धमकाने और रंगदारी मांगने के मामले में केस दर्ज होने के बाद उसे और उसके साथी विक्रम सिंह को गिरफ्तार भी किया गया था. लेकिन इलाहाबाद हाइकोर्ट से जमानत मिल गई थी. फिर इसी मामले में आगे सुनवाई के दौरान मंगलवार को जौनपुर एमपी एमएल कोर्ट के सत्र न्यायाधीश शरद कुमार त्रिपाठी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद धनंजय सिंह और उसके साथी संतोश विक्रम सिंह को दोषी करार दिया.
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