2023 में विशेष सत्र बुलाकर नारी शक्ति वंदन अधिनियम, संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 पास कराने वाली बीजेपी असल में महिलाओं को राजनीति में कितना और कैसी भागीदारी देती है इसका उदाहरण बिहार का 40 सीटों पर देखने को मिला. Lok Sabha election 2024 में सिर्फ बीजेपी ही नहीं उसके सहयोगी भी महिलाओं की भागीदारी के नाम पर फिसड्डी ही साबित हो रहे है. वहीं इंडिया गठबंधन में जहां आरजेडी की हालत बेहतर है तो कांग्रेस के पत्ते अभी पूरे खुले नहीं है और लेफ्ट ने निराश किया है.
एनडीए में किस पार्टी को मिली कितनी सीटें
अब बिहार की 40 सीटों की बात करें तो यहां एनडीए के सीट शेयरिंग में बीजेपी को 17 सीटों तो राज्य में बीजेपी के सबसे बड़े सहयोगी जनता दल (यू) की 16 सीटों मिली है. वहीं चिराग पासवान के नेतृत्व वाली पार्टी (रामविलास) 5 सीटें तो हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) एक-एक सीट मिली है.
बीजेपी ने एक भी महिला को नहीं दी सीट
अब अगर बात करें उम्मीदवारों की तो बीजेपी के 17 उम्मीदवारों में एक भी महिला नहीं है. जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू ने राज्य में अपनी 16 सीटों में से दो सीट पर महिला उम्मीदवारों को उतारा है. हलांकि जिन महिला उम्मीदवारों को जेडीयू ने टिकट दिया है वो उन्हें उनके पतियों की वजह से दिया गया है. वहीं चिराग पासवान की पार्टी ने भी अपनी 5 में से एक सीट पर महिला उम्मीदवार को टिकट दिया है लेकिन वो टिकट भी सिर्फ उनके मंत्री पिता की बदौलत दिया गया है. बाकी हम और आरएलएम ने अपनी अकेली सीट के लिए अपने सुप्रीमों पर ही दाव लगाया है.
जेडीयू ने पत्नियों को दिए टिकट तो एलजेपी ने मंत्री की बेटी को
एनडीए ने बिहार की 40 सीटों में से सिर्फ 3 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. जिन महिला उम्मीदवार को जेडीयू ने टिकट दिया है वो हैं लवली आनंद और विजय लक्ष्मी कुशवाहा. ये दोनों ही हाल फिलहाल में पार्टी में शामिल हुई हैं. और बात अगर इनकी काबिलीयत की करें तो लवली आनंद, पूर्व सांसद, आनंद मोहन की पत्नी हैं. वहीं आनंद मोहन जिन्हें पिछले ही साल महागठबंधन की सरकार में समय से पहले जेल से रिहा किया गया था और उनपर 1990 के दशक में एक आईएएस अधिकारी की हत्या का आरोप साबित हुआ था. फिलहाल आईएएस की पत्नी ने उनकी रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. लवली आनंद को जेडीयू शिवहर से मैदान में उतारा गया है.
वहीं विजय लक्ष्मी कुशवाह जिन्हें जेडीयू ने सीवान से मैदान में उतारा है वो पूर्व विधायक रमेश सिंह कुशवाह की पत्नी हैं. इस जोड़ी ने हाल ही में जद (यू) का दामन थामा है.
अगर बाद चिराग पासवान यानी एलजेपी (रामविलास) की करें तो इन्होंने अपनी पांच सीटों में से एक सीट महिला उम्मीदवार को दी है. लेकिन ये महिला उम्मीदवार भी कोई पार्टी कार्यकर्ता नहीं बल्कि सीएम नीतीश कुमार के करीबी और सरकार में ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री अशोक चौधरी की बेटी हैं. शांभवी चौधरी समस्तीपुर से बतौर एलजेपी उम्मीदवार मैदान में है.
महागठबंधन में किसके पास है कितनी सीट
बिहार में इंडिया गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी है आरजेडी. तो यहां 40 में से आरजेडी के पास 26 सीटें है तो वहीं कांग्रेस के पास 9 जबकी लेफ्ट के पास 5 सीटें है जिसमें सीपीआईएमएल 3, सीपीआई 1 और सीपीएम को लोकसभा चुनाव में 1 सीट मिली है.
आरजेडी में महिलाओं की हालत बेहतर तो लेफ्ट ने किया निराश
अब अगर इंडिया गठबंधन में महिला उम्मीदवारों की बात करें तो आरजेडी ने 6 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जो की राज्य में किसी भी दूसरी पार्टी के मुकाबले काफी अच्छा नंबर है. हलांकि यहां भी एक परंतु लगा है. इन 6 सीटों में से 2 लालू परिवार की बेटियों को मिली हैं. हलांकि बाकी 4 सीटों पर आरजेडी ने मजबूत प्रत्याशियों का चुनाव किया है.
बात अगर वामपंथी दलों और कांग्रेस की करें तो वाम दलों ने निराश किया है. उन्होंने अपनी पांच सीटों पर एक भी महिला उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है वहीं कांग्रेस ने अबतक सिर्फ तीन सीटों-कटिहार, किशनगंज और भागलपुर में उम्मीदवारों ने काम का एलान किया है. जिसमें से एक भी महिला नहीं है. कांग्रेस को अभी अपनी 9 में से 6 सीटों पर उम्मीदवार के नाम का एलान करना बाकी है.
आरजेडी ने 26 में से 6 सीटों पर उतारी महिला उम्मीदवार
आरजेडी ने जमुई से अर्चना रविदास, पूर्णिया जिले के रूपौली से पूर्व जेडीयू विधायक बीमा भारती को तो पिछले महीने ही खूंखार गैंगस्टर अशोक महतो से शादी करने वाली लॉ ग्रेजुएट अनीता देवी को मुंगेर से और चर्चित पंचायत अध्यक्ष रितु जयसवाल को सीतामढी सीट से मैदान में उतारा है.
हलांकि बाकी दो सीट पर आरजेडी के पहले परिवार यानी सुप्रीमो लालू प्रसाद की बेटियां मैदान में हैं. आरजेडी ने ताजा ताजा राजनीति में कदम रखने वाली रोहिणी आचार्य को सारण से बीजेपी के मौजूदा सांसद राजीव प्रताप रूडी के खिलाफ , तो लालू यादव की सबसे बड़ी बेटी और राज्य सभा सांसद मीसा भारती पाटलिपुत्र सीट मैदान में उतारा है. मीसा 2019 में भी यहां से चुनाव लड़ी थी और असफल साबित हुई थी.
कुल मिलाकर कहें तो बिहार में बीजेपी और लेफ्केट के पास महिला नेता नहीं है तो जेडीयू का हाल भी बेहाल है. सिर्फ आरजेडी की स्थिति अच्छी है लेकिन वहां भी परिवार का बोलबाला है.