7 मई को केजरीवाल को जमानत मिलने की संभावनाओं के बीच सोमवार को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एक नए मामले में अरविंद केजरीवाल Arvind Kejriwal के खिलाफ एनआईए की जांच के लिए सिफारिश की है.
सिख फॉर जस्टिस से फंड लेने के मामले में की सिफारिश
दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस से फंड लेने के मामले में सीएम केजरीवाल के खिलाफ एनआईए जांच की सिफारिश की है.
एलजी ने गृह मंत्रालय को लिखे पत्र में बताया है कि केजरीवाल पर आरोप वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव आशू मोंगिया और आम आदमी पार्टी के पूर्व कार्यकर्ता मुनीष कुमार रायजादा ने लगाए है. पत्र में एक वीडियो सामग्री का भी हवाला दिया है, जिसमें कथित तौर पर गुरपतवंत सिंह पन्नू भी शामिल था. शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी को 2014 और 2022 के बीच खालिस्तानी ग्रुप से 16 मिलियन अमरीकी डालर की भारी रकम चंदे में ली है.
आप ने राष्ट्रपति से की थी प्रोफेसर भुल्लर की रिहाई की अपील
चिट्ठी में लिखा गया है कि,”आप सरकार पहले ही राष्ट्रपति से प्रोफेसर भुल्लर की रिहाई की सिफारिश कर चुकी है और एसआईटी के गठन आदि सहित अन्य मुद्दों पर सहानुभूतिपूर्वक और समयबद्ध तरीके से काम करेगी.”
7 मई को मिल सकती थी Arvind Kejriwal को जमानत
ऐसा लग रहा है कि केंद्र सरकार किसी कीमत पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की रिहाई नहीं चाहती है. 3 मई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर दलीलें सुनने पर विचार कर सकता है. जिसका मतलब ये है कि केजरीवाल चुनावों के चलते जेल से रिहा हो सकते है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि क्योंकि ईडी द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर बहस और उसके बाद उत्पाद नीति मामले में उनकी रिमांड में समय लग सकता है, इसलिए वह केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर दलीलें सुन सकते हैं.