बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी जेडीयू में शायद ही कोई कार्यकर्ता हो, यहां हर कोई किसी न किसी तरह से पार्टी का पदाधिकारी ही है. अब तक जदयू अपने पार्टी में सैकड़ो उपाध्यक्ष महासचिव और सचिव बन चुकी है और जो बच गए हैं उन्हें राजनीतिक सलाहकार समिति का सदस्य बना दिया गया है. ऐसे में अब जेडीयू ने अपनी नई कार्यसमिति का ऐलान किया है. इस कार्यसमिति में 98 नेताओं को जगह दी गई है. इस बीच जो सबसे बड़ी चर्चा है. वह यह है कि जदयू के इस बार के कार्य समिति से पार्टी के राज्यसभा सांसद हरिवंश प्रसाद का पत्ता कट गया है.
जदयू के तरफ से जारी लिस्ट में कार्यकारिणी के पदाधिकारी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के अलावा मगनी लाल मंडल को उपाध्यक्ष, केसी त्यागी को विशेष सलाहकार सहर मुख्य प्रवक्ता और आलोक सुमन को कोषाध्यक्ष बनाया गया है. लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों की लिस्ट में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह का नाम शामिल नहीं किया गया है.
जेडीयू की राष्ट्रीय टीम से राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश का पत्ता कटने के बाद इसको लेकर सियासत तेज हो गई है. इसी बीच जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हरिवंश को शामिल नहीं किए जाने पर ललन सिंह ने बड़ा खुलासा किया है. ललन सिंह ने कहा है कि जब से जेडीयू महागठबंधन में शामिल हुई हैं तब से हरिवंश पार्टी के किसी भी मीटिंग में शामिल नही हुए हैं और बुलाने पर भी नहीं आते हैं, हो सकता है प्रधानमंत्री ने उन्हें मना कर दिया होगा.
जानकारी के लिए बता दें जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 22 महासचिव और 7 सचिव शामिल है. बिहार सरकार के मंत्री में से संजय झा को महासचिव बनाया गया है. जबकि विजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी, अशोक चौधरी, श्रवण कुमार, लेसी सिंह, मदन सहनी, शीला मंडल जयंत राज, सुनील कुमार, जमा खान और रत्नेश सदा को कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया है. इसके अलावा मणिपुर के विधायक हाजी अब्दुल नासिर, नागालैंड के विधायक ज्वेंगा सेब को भी शामिल किया गया है लेकिन इस सूची में कहीं भी हरिवंश प्रसाद सिंह का नाम नहीं शामिल किया गया है.