दिल्ली शराब नीति घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल Arvind Kejriwal जल्द ही रिहा हो जाएंगे. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 1 जून तक अंतरिम जमानत दे दी है. 2 जून को केजरीवाल को जमानत की शर्तों के अनुसार आत्मसमर्पण करना होगा और वापस जेल जाना होगा.
इस बीच कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत को लेकर कई शर्तें भी रखी है. केजरीवाल को अंतरिम जमानत चुनाव के बाकी चरणों में प्रचार में शामिल होने के लिए दी गई है. वो आम आदमी पार्टी और इंडिया ब्लॉक के लिए प्रचार कर सकेंगे. आपको बता दें दिल्ली में 25 मई और पंजाब में 1 जून को मतदान होगा.
कोर्ट ने किन शर्तों पर दी Arvind Kejriwal को जमानत
1. केजरीवाल बतौर सीएम काम नहीं करेंगे: केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री का कोई कर्तव्य नहीं निभाएंगे. वह मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जायेंगे.
2. शराब नीति मामले से जुड़ी जांच पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे: कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी भूमिका के बारे में कोई टिप्पणी नहीं कर पाएंगे, जिसमें उन्हें गिरफ्तार किया गया था.
3. 50,000 का भरना होगा जमानत बांड: केजरीवाल को तिहाड़ जेल से रिहाई के लिए जेल अधीक्षक की संतुष्टि के लिए 50,000 रुपये के जमानत बांड और इतनी ही राशि की जमानत राशि देनी होगी.
4. आधिकारिक फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे: केजरीवाल तब तक आधिकारिक फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे जब तक कि यह आवश्यक न हो और दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त करने के लिए आवश्यक न हो.
5. अरविंद केजरीवाल किसी भी गवाह से बातचीत नहीं करेंगे या मामले से जुड़ी आधिकारिक फाइलों तक उनकी पहुंच नहीं होगी.
6. केजरीवाल की अंतरिम जमानत मामले की योग्यता पर राय की अभिव्यक्ति के रूप में नहीं बनाई जाएगी.
केजरीवाल के चुनाव प्रचार पर कोई रोक नहीं है.
हलांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगने के बावजूद उन्हें अभी तक दोषी नहीं ठहराया गया है. कोर्ट ने केजरीवाल के प्रचार करने पर भी कोई शर्त नहीं लगाई है. शीर्ष अदालत ने कहा कि 21 दिनों की अंतरिम जमानत से कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय ने अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि चुनाव प्रचार के लिए किसी राजनीतिक नेता को जमानत मिलने की कोई मिसाल नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर समग्र और उदारवादी दृष्टिकोण उचित है और बिना किसी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले केजरीवाल समाज के लिए खतरा नहीं हैं.