लंबी छुट्टी और पद से हटाए जाने और इस्तीफे की कई अफवाहों के बाद काम पर लौटे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक आते ही शीतलहर के चलते बंद किए गए स्कूल के आदेश को वापस लेने को कहा है. केके पाठक ने स्कूलों को बंद किए जाने पर नाराज़गी जताते हुए पूछा की क्या शीतलहर सिर्फ स्कूलों पर गिरती है?
क्या शीतलहर सिर्फ स्कूलों पर गिरती है?
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कार्यभार संभालते ही तल्ख तेवर अपना लिए हैं. इस बार जिलाधिकारियों को लपेटे में लेकर स्कूल बंद करने के आदेश को तुरंत वापस लेने को कहा है. उन्होंने शनिवार को इस आशय का पत्र राज्य के सभी प्रमंडल के आयुक्त को पत्र लिखा है. जिसमें कहा है कि आपके क्षेत्राधिकार में जहां भी शीतलहर के मद्देनजर स्कूल बंद करने का आदेश दिया गया है उसे वापस लें.
बात-बात पर विद्यालय को बंद करने की परंपरा पर रोक लगाएं.
सभी प्रमंडल के आयुक्त को पत्र को लिखे पत्र में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने लिखा, जहां तक सरकारी विद्यालयों का सवाल है इसकी अवधि पूर्वाह्न 09:00 बजे से लेकर अपराह्न 05:00 बजे तक है. इस समय अवधि को बदलने के संबंध में कोई भी आदेश निकालने से पहले शिक्षा विभाग की पूर्वानुमति आवश्यक है. बात-बात पर विद्यालय को बंद करने की परंपरा पर रोक लगाएं.
केके पाठक ने जिला प्रशासन को भी आड़े हाथों लिया
केके पाठक ने आगे कहा कि सभी प्रमंडल के आयुक्त जिला अधिकारियों को सुझाव दें कि जब वह सर्दी या शीतलहर के चलते कोई आदेश निकलते हैं तो वह पूरे जिले पर समान रूप से लागू होना चाहिए. इस प्रकार का आदेश निकालते समय एकरूपता एवं समरूपता को ध्यान रखें. सभी प्रमंडल के आयुक्त को लिखे पत्र में के के पाठक ने कहा है कि जिला दंडाधिकारियों ने धारा 144 का आदेश पारित किया है. उसमें सिर्फ विद्यालयों को ही बंद किया गया है जबकि अन्य संस्थाओं का जिक्र नहीं है. जैसे कोचिंग संस्थान , सिनेमा हॉल , मॉल , दुकानें , व्यावसायिक प्रतिष्ठान आदि. इनकी गतिविधियां या समय अवधि को नियंत्रित नहीं किया गया है. ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन से पूछें कि, यह कैसी शीतलहर है जो केवल विद्यालयों पर ही गिरती है? कोचिंग संस्थानों में नहीं गिरती है जबकि इन कोचिंग संस्थानों में हमारे ही विद्यालय के बच्चे पढ़ने जाते हैं.
केके पाठक ने कहा कि कई जिलों के जिलाधिकारी द्वारा इससे जुड़े जो आदेश जारी किया गया है वह गंभीर और वैधानिक मामला है. क्योंकि इसके तहत हम कानून की धारा 144 सीआरपीसी को इन्वोक करते हैं.
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