Kargil Vijay Diwas: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर कारगिल में हैं. कारगिल युद्ध की 25वीं वर्षगांठ पर लद्दाख की अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने कर्तव्य की राह में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों को श्रद्धांजलि दी. सुबह कारगिल युद्ध स्मारक जाकर पीएम ने कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”hi” dir=”ltr”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> द्रास, कारगिल (लद्दाख): 25वें कारगिल विजय दिवस 2024 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारगिल युद्ध स्मारक पर कारगिल युद्ध के वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की। <a href=”https://t.co/osoQpxFNoF”>pic.twitter.com/osoQpxFNoF</a></p>— ANI_HindiNews (@AHindinews) <a href=”https://twitter.com/AHindinews/status/1816689550527287509?ref_src=twsrc%5Etfw”>July 26, 2024</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
पीएम ने किया शिंकुन ला सुरंग का वर्चुअल विस्फोट
यहाँ पीएम मोदी पुष्पांजलि समारोह में भी शामिल हुए साथ ही कारगिल में कारगिल युद्ध स्मारक का दौरा किया. कारगिल युद्ध स्मारक की अपनी यात्रा के बाद, पीएम मोदी ने लद्दाख में शिंकुन ला सुरंग परियोजना में पहला विस्फोट वर्चुअली किया. शिंकुन ला सुरंग परियोजना में 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग बननी है, जिसका निर्माण निमू-पदुम-दारचा रोड पर लगभग 15,800 फीट की ऊंचाई पर किया जाएगा ताकि लेह को हर मौसम में संपर्क प्रदान किया जा सके. एक बार पूरा हो जाने पर, यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी.
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”hi” dir=”ltr”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> लद्दाख: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिनखुन ला सुरंग के निर्माण कार्य की शुरुआत की। <a href=”https://t.co/jfgxAwfaSU”>pic.twitter.com/jfgxAwfaSU</a></p>— ANI_HindiNews (@AHindinews) <a href=”https://twitter.com/AHindinews/status/1816696479622328355?ref_src=twsrc%5Etfw”>July 26, 2024</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “कारगिल में हमने केवल युद्ध नहीं जीता था. हमने सत्य, संयम और सामर्थ का अद्भुत परिचय दिया था. भारत उस समय शांति के लिए प्रयास कर रहा था. बदले में पाकिस्तान ने फिर एक बार अपना अविश्वासी चेहरा दिखाया. लेकिन सत्य के सामने असत्य और आतंक की हार हुई.”
दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा-पीएम मोदी
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को भी कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा, “पाकिस्तान ने अतीत में जितने भी दुष्प्रयास किए उसे मुंह की खानी पड़ी लेकिन पाकिस्तान ने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा है. वो आतंकवाद के सहारे अपने आप को प्रासंगिक बनाए रखने का प्रयास कर रहा है. लेकिन आज जब मैं उस जगह से बोल रहा हूं जहां आतंक के आकाओं को मेरी आवाज सीधे सुनाई पड़ रही है मैं आतंकवाद के इन सरपरस्तों को कहना चाहता हूं कि उनके नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे. आतंकवाद को हमारे जाबाज पूरी ताकत से कुचलेंगे। दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.”
अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना है-पीएम मोदी
पीएम ने इस मौके पर आलोचनाओं का सामना कर रही अपनी सरकार अग्निवीर योजना का भी बचाव किया. पीएम ने कहा, “…हमारी सेनाओं ने बीते वर्षों में कई साहसिक निर्णय लिए हैं. सेना द्वारा किए गए जरूरी सुधार का एक उदाहरण अग्निवीर योजना भी है. दशकों तक संसद तक अनेक कमेटी तक में सेनाओं को युवा बनाने पर चर्चाएं होती रहीं. भारत की सैनिकों की औसत आयु ग्लोबल औसत से अधिक होना हम सभी की चिंता बढ़ाता रहा है. इसलिए ये विषय वर्षों तक अनेक कमेटियों में भी उठा. लेकिन देश की सुरक्षा से जुड़ी इस चुनौती के समाधान की पहले इच्छाशक्ति नहीं दिखाई दी. शायद कुछ लोगों की मानसिकता ही ऐसी थी कि सेना मतलब नेताओं को सलाम करना, परेड करना. हमारे लिए सेना मतलब 140 करोड़ देशवासियों की आस्था, 140 करोड़ देशवासियों की शांति की गारंटी, देश की सीमाओं को सुरक्षा की गारंटी… अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना है, अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युद्ध के लिए निरंतर योग्य बनाए रखना है. दुर्भाग्य से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने संवेदनशील विषय को कुछ लोगों ने राजनीति का विषय बना दिया है. कुछ लोग सेना के इस सुधार पर भी अपने व्यक्तिगत स्वार्थ में झूठी राजनीति कर रहे हैं. ये वही लोग हैं जिन्होंने सेनाओं में हजारों-करोड़ों के घोटाले करके हमारी सेनाओं को कमजोर किया है. ये वही लोग हैं जो चाहते थे कि एयरफोर्स को कभी आधुनिक फाइटर जेट न मिल पाए. ये वही लोग हैं जिन्होंने तेजस फाइटर प्लेन को भी डिब्बे में बंद करने की तैयारी कर ली थी.”
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