ईंट का जवाब पत्थर से देने को तैयार है जनता दल यूनाइटेड. बीजेपी के साथ गठबंधन टूटने के बाद से ही जेडीयू नेता बीजेपी की हर हलचल पर नज़र रखे हुए है. इसी रणनीति के तहत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सीमांचल दौरे के बाद महागठबंधन भी इस इलाके में रैली करेगा.
संप्रदायिक सद्भाव रैली करेगी JDU
बिहार के लखीसराय में जनता दल यूनाइटेड के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने ऐलान किया कि बिहार में 23 और 24 तारीख को केंद्रीय मंत्री अमित शाह के सीमांचल दौरे और रैली के बाद महागठबंधन की तरफ से भी 23 तारीख के बाद बिहार के सीमांचल इलाके पूर्णिया , किशनगंज और कटिहार में रैली करेगा. महागठबंधन का कहना है कि वो अमित शाह के जाने के बाद संप्रदायिक सद्भाव रैली का आयोजन करेगा.
सीमांचल बनेगा राजनीति का केंद्र
ऐसा लगता है आने वाले वक्त में सीमांचल बिहार की राजनीति का गढ़ बनने वाला है. जहां अमित शाह के सीमांचल आने से बीजेपी को उम्मीद है कि उसकी राजनीतिक स्थिति इलाके में बेहतर होगी वहीं जेडीयू भी इस इलाके के अल्पसंख्यक और पिछड़ों अति पिछड़ों जाति के लोगों को भरोसा दिलाने की कोशिश में है कि वो हर कदम उनके साथ है. और उन्हें डरने की जरूरत नहीं है.
अति पिछड़ों पर बीजेपी की नज़र
वैसे पिछले कुछ सालों से बीजेपी बिहार में अति पिछड़ा वोट बैंक पर अपनी नज़र रखे हुए है. एनडीए सरकार में उसके दो उप मुख्यमंत्री भी अति पिछड़ा समुदाय से आते थे. बीजेपी बिहार में ऊंची जाती का वोट तो पाती है लेकिन यादव मुसलमान और पिछड़ी जातियों में उसकी कोई पैठ नहीं है. यादव और मुसलमानों को तो अपने साथ लाना उसके लिए आसान नहीं है इसलिए वो कई सालों से अति पिछड़ी जातियों को लुभाने की कोशिश में है.
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