Saturday, July 27, 2024

महागठबंधन के साथ आने के लिए MLA’s को मिले थे 10-10 करोड़ के ऑफर,जेडीयू विधायक के FIR से खुलासा !

नई दिल्ली : नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने तमाम सियासी हलचलों के बीच आखिरकार विश्वास मत हासिल कर लिया है. नीतीश सरकार के विश्वासमत को लेकर लगातार आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी के प्रवक्ताओं की ओर से ‘खेला’ होने की बात विश्वास के साथ कही जा रही थी. विधानसभा में शुरुआत में ऐसा  लगा भी कि कुछ खेला होने के आसार हो सकते हैं. विधानसभा के अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बीजेपी के 3 और जेडीयू के 2 विधायक गायब रहे . राजद के तीन विधायकों ने सदन के अंदर पाला बदल लिया और सत्ता पक्ष के साथ हो लिए. सदन के अंदर जो खेला हो रहा था, उसकी एक कहनी एक JDU MLA Sensational Allegation के जरिये निकल कर आई है. जिसमें तेजस्वी यादव से लेकर राहुल गांधी तक पर आरोप लगे हैं.

JDU MLA Sensational Allegation:विधायक ने कराई एफआईआर

विश्वास प्रस्ताव के लिए सियासत में पर्दे के पीछ जमकर खेल हुआ.यही कारण रहा कि राजद के विधायक ताल ठोंककर विश्वास मत के दौरान खेला होने की बात कहते रहे. पटना में जेडीयू के विधायक सुधांशु शेखर ने 11 फरवरी को एक FIR दर्ज कराई थी, जो अब निकल कर सामने आया है. इस FIR में बताया गया है कि जेडीयू के विधायकों  पर लगातार पाला बदलने के लिए दवाब बनाया जा रहा था.यहं तक की बिकने के लिए 10-10 करोड़ तक के ऑफर मिल रहे थे.

तेजस्वी के करीबी पर 10 करोड़ ऑफर करने का आरोप

मधुबनी के हरलाखी क्षेत्र से जेडीयू के विधायक सुधांशु शेखर ने अपने FIR में लिखवाया था कि 9 फरवरी की रात 8. बजकर 32 मिनट पर मुझे मेरे बहन के पति रंजीत कुमार के फोन से मेरे फोन पर एक वाट्सएप पर आया, जिसमें मुझे बताया  गया कि कोई इंजीनियर सुनील मिलने आये हैं और बात करना चाहते हैं. विधायक सुधांशु शेखर ने कहा कि मुझे बताया गया कि वो मुझसे बात करना चाहता है . जब मैंने उनसे बात किया तो उन्होंने कहा कि आप महागठबंधन में शामिल हो जाइये. अभी 5 करोड़ देते हैं और बाकी के 5  करोड़ काम होने के बाद मिलेंगे. सुधांशु शेखर ने ये भी दावा किया कि उस व्यक्ति ने मुझे ये भी ऑफर दिया कि आप मंत्री पद ले लीजिये लेकिन महागठबंधन में आ जाइये. मैंने सोच कर बताने की बात कहकर टाल दिया. FIR में बताया गया है कि ऑफर देने वालाा व्यक्ति पटना के किदवई नगर में रहता था.

राहुल गांधी के करीबी ने किया फोन- सुधांशु शेखऱ

जदयू विधायक सुधांशु शेखऱ ने अपनी FIR में ये भी लिखवाया था कि  10 फरवरी को सुबह 10 बजकर 11 मिनट पर पूर्व मंत्री नागमणि कुशवाहा के नंबर से एक  वाट्सएप कॉल आया जिसमें कहा गया कि अखिलेशजी मुझसे बात करना चाहते हैं,  एक घंटे बाद सपर्क करने की बात कही. फिर 2460220333  नंबर से इंटरनेट कॉल आया. बात करनेवाले व्यक्ति ने खुद को राहुल गाँधी का करीबी बताते हुए कहा कि आप हमारे साथ आ जाईये. इसके बदले आपकी जो भी डिमांड होगी, उसे पूरा किया जायेगा. बस विश्वासमत के दौरान गठबंधन को सपोर्ट कीजिये

कई विधायकों को खरीदने की हुई कोशिश

हरलाखी विधायक सुधांशु शेखर ने आरोप लगाया कि केवल उन्हें ही नहीं, उनके जैसे कई लोगों के अप्रोच किया गया. नालंदा के हिलसा के विधायक कृष्ण मुरारी शरण को भी ठीक उसी तरह स ऑफर मिले जैसे मुझे मिले.निरंजन कुमार मेहता को भी खरीदने की  कोशिश हुई. सुधांशु शेखर ने अपने FIR में निरंजन मेहता नाम के विधायक को भी प्रलोभन देने की बात कही. सुधांशु शेखर ने FIR लिखावाया कि अगर पुलिस ठीक तरह से पूछताछ करें तो सच्चाई सामने आ सकती है.

JDU विधायक पर  बीमा भारती -दीलीप राय के अपहरण का आरोप

सुधांशु शेखर ने अपने FIR में ये भी लिखवाया कि बीमा भारती और दीलीप राय को डरा धमका कर उनका अपहरण कर लिया गया था. ताकि उन्हें विधानसभा में विश्वासमत के खिलाफ वोट देने के लिए मजबूर किया जा सके. ये काम किसी और ने नहीं बल्कि उनकी अपनी ही पार्टी के विधायक के द्वारा किया गया.

जेडीयू विधायक पर ही अपने विधायकों को गायब कराने का आरोप 

सुधांशु शेखर ने ना केवल तेजस्वी यादव के करीबी सुनील राय पर आरोप लगाय बल्कि अपनी पार्टी के खगड़िया के परबत्ता से विधायक संजीव सिंह पर भी आरोप लगाया . संजीव सिंह के बारे में लिखी गई FIR में कह गया कि मेरे दल के विधायक डा. संजीव के द्वारा सुनील राय और इंजीनियर के सहयोग से अपहरण जैसी आपराधिक घटना को अंजाम दिया गया. सुधांशु शेखर ने डॉ. संजीव पर आरोप लगाया कि पूरे प्रकरण में डा. संजीव की भूमिका संदिग्ध है और उन्होंने जेडीयू के कई विधायकों को राजद के पक्ष मे वोट करने के लिए प्रलोभन और धमकियां दोनो दी हैं.

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जेडीयू ने नेता सुधांशु शेखर ने ये FIR 11 फरवरी यानी फ्लोर टेस्ट से टीक एक दिन पहले दर्ज कराई थी. सुधांशु शेखर ने जो आरोप लगाये हैं , अभी उनकी जांच होना बाकी है. लेकिन पहली नजर में लग रहा है कि इस FIR में दर्ज आरोपों के कारण तेजस्वी यादव  की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती है.

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