बिहार: जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण के सोनपुर में एक जानसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आंदोलन और क्रांति तेज हथियार के जैसा है. अगर आपके पास तेज हथियार है तो आप बड़े से बड़े वृक्षों को काट सकते हैं, लेकिन पौधे को पेड़ बनाने के लिए कोई हथियार काम नहीं आने वाला है. आज यही कारण है कि बिहार में कई लोगों को लगता है कि बिहार अगर जेपी के आंदोलन से नहीं सुधरा तो किसी भी प्रयास से नहीं सुधरेगा. मुझे लगता है ये बिल्कुल गलत सोच है.
जानिए पीके ने क्या-क्या कहा?
प्रशांत किशोर ने कहा कि पहली बात ये कि जेपी का आंदोलन बिहार को सुधारने के लिए था ही नहीं. उन्होंने उस समय देश की सत्ता में बैठे लोगों को हटाने के लिए आंदोलन किया. ये सच है कि उसका केंद्र बिंदु बिहार था. लेकिन बिहार में व्यवस्था परिवर्तन को लेकर कोई लड़ाई थी ही नहीं. सच यह है कि जेपी जिस चीज़ के लिए आंदोलन किए उसमें उन्हें सफलता मिली. अगर लोग कहते भी हैं कि उसी आंदोलन से निकले हुए लोग बिहार को चला रहे हैं. तो मैं आपको बता दूं कि जेपी का आंदोलन 1975-76 में हुआ और उससे निकले लालू जी मुख्यमंत्री बने 1990 में तो जेपी ने कभी थोड़ी न कहा था कि लालू जी मुख्यमंत्री बनेंगे. यह दोनों चीज़ अलग हैं, इस बात में कोई दम नहीं है.