Indra Giri Maharaj : प्रयागराज महाकुंभ मेले में देश औऱ दुनिया भर से सनातन धर्म के श्रद्धालु ही नहीं ऐसे ऐसे साधु संत भी आये है जिनकी साधना आम लोगों के लिए आलौकिक है. कोई एक पैर पर साधना कर रहे है तो कोई वर्षों के एक हाथ उपर करके योग कर रहे हैं. ऐसे ही एक संत है बाबा श्री महंत इंद्र गिरी महाराज. बाबा इंद्र गिरी जी महाराज जब आवाहन अखाड़े के शिविर में पहुंचे तो लोग उन्हें वहा देखकर हैरान रह गये क्योंकि बाबा महंत इंद्र गिरीजी के दोनों फेफड़े 97% से ज्यादा खराब हो चुके हैं औऱ वो कोविड के समय से ही ऑक्सिजन सपोर्ट पर सांसे ले रहे हैं, यहां भी ये बाबा ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ ही हरियाणा के हिसार से महाकुंभ मेले में पहुंचे है.
Indra Giri Maharaj आक्जीजन सपोर्ट के साथ पहुंचे महाकुंभ
टूटती, उखड़ती सांसों के साथ श्री महंतजी का महाकुंभ और सनातन प्रेम को देख कर यहां हर कोई उनके सामने नतमस्तक हो गया है. बाबा के दोनों फेफड़ों के खराब हो जाने के बाद महंत इंद्र गिरी महाराज को डाक्टर्स ने चार साल पहले ही सलाह दिया था की वो आश्रम से बाहर न जाएं, लेकिन अपनी अपनी इच्छाशक्ति और आस्था के बल पर बाबा इंद्र गिरी महाकुंभ में पहुंच गये हैं. महंत श्री इंद्र गिरी ने बताया कि ये महाकुंभ उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण है, चाहे कुछ भी हो जाए तीनो शाही स्नान के बगैर वो वापस नही जाएंगे.
कोरोना महामारी के दौरान बाबा की तबियत खराब होने पर उन्हें डॉक्टरों ने बताया कि उनके दोनों फेफड़े खराब हो गए हैं । बाबा को डूबती साँसों के बीच ऑक्सिजन सिलेंडर लगाया गया जिसके बाद से वो आज तक इस सिलेंडर के सहारे एक एक सांस गिन रहे हैं । बाबा हर बार कुंभ और महाकुंभ में आते हैं। इस हालत में होने के बाद भी इन्होंने अपनी परंपरा को नहीं छोड़ा है.यहां आकर भी वो बैठे नहीं है बल्कि संगम की रेती पर बने आवाहन अखाड़े के पंडाल में पहुंचने वाले एक एक शख्स को पूछ पूछ कर पंगत में बैठाते हैं और भोग प्रसाद खिलाने के बाद उन्हें दान – दक्षिणा देकर विदा करते हैं . बाबा इंद्र गिरी यही आकांक्षा है कि अगर महाकाल उन्हे अपने पास ले जाने के लिएभी आयें तो वो उन्हें यही से लेकर जाये.