भारत ने आज फिर एक बार अपने दुश्मन देशों के पसीने छुड़ा दिए हैं. आज का दिन खासतौर पर भारतीय नौसेना के लिए बेहद अहम है. नौसेना में पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) शामिल हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी ने एक कार्यक्रम में इसे देश को समर्पित कर दिया. नौसेना में INS के शामिल होते ही दुश्मन देशों के खेमों में हड़कंप मचा है. मचे भी क्यों न भारत को बाहुबली जो मिला है. अब INS के शामिल होने से हमारा दुश्मन पाकिस्तान क्यों बौखला रहा हैं.
हर देश के पास तीन ताकत होती है. जिसके दम पर हर देश का अस्तित्व निर्भर करता है. वो तीन ताकत है थल सेना , वायु सेना और नौसेना. आज भारत ने नौसेना में एक नए साथी को शामिल किया है. जिससे भारत की ताकत तो बढ़ी ही साथ ही साथ दुश्मन देश पाकिस्तान की पतलून गीली हो चुकी है. भारतीय नौसेना दुनिया की दस सबसे ताकतवर नेवी की सूची में शामिल है. वहीं, पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान जो चार बार हमसे जंग हार चुका है. उसकी नौसेना का नाम दमदार नेवी के नाम पर कोई नहीं जानता. पाकिस्तान कितने भी हाथ पाँव मार ले, लेकिन भारत के सामने आज भी वो खड़े रहने की हिम्मत नहीं रखता और अब INS के आने के बाद पाकिस्तान समेत उन सभी देशों को झटका लगा है. जो भारत की खिलाफत करते हैं.
बता दें कोचीन शिपयार्ड पर तैयार किए गए INS विमान वाहक पोत के निर्माण में 20,000 करोड़ रुपये की लागत आई है. इस पोत के आधिकारिक तौर पर शामिल होने से नौसेना की ताकत दोगुनी हो जाएगी. INS विक्रांत का नाम पहले वाले युद्धपोत के नाम पर रखा गया है. जिसने बांग्लादेश की आजादी के लिए साल 1971 में पाकिस्तान को समुद्री रणभूमि में धुल चटाई थी.
वहीँ बात आतंक का सहारा लेने वाले पाकिस्तान की करें. तो इस वक्त पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चीन पर निर्भर है. चाहे वह सड़क हो. रेललाइन हो. बांध हों. बिजली हो. विज्ञान हो या फिर रक्षा संबंधी उपकरण, हथियार या फिर ट्रेनिंग हो. चीन से वह किसी भी टेक्नोलॉजी को हासिल कर सकता है लेकिन उसे जो मिल रहा है वह पुरानी तकनीक है. आज हम आपको बताएँगे कि चीन कि मदद लेने के बाद भी पाक और भारत की नौसैन्य ताकत में कितना फर्क है.
भारतीय नौसेना दुनिया की दस ताकतवर नेवी में सातवें स्थान पर आती है. 1612 में स्थापित इस सेना के प्रमुख भारत के राष्ट्रपति हैं. सेना का मुख्य मकसद है परमाणु युद्ध रोकना. सीलिफ्ट करना यानी बचाव कार्य. नौसैनिक युद्ध आदि. Indian Navy के पास दो एयरक्राफ्ट करियर हैं. INS Vikramaditya और INS Vikrant. जबकि, पाकिस्तान के पास एक भी एयरक्राफ्ट करियर नहीं है. भारतीय नौसेना के पास 75 हजार रिजर्व और 67,252 एक्टिव जवान हैं.
भारतीय नौसेना के 11 से ज्यादा बेस हैं. जो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, केरल, लक्षद्वीप, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक और गुजरात में मौजूद हैं. इनका मुख्य काम है एम्यूनिशन सपोर्ट, लॉजिस्टिक्स, मेंटेनेंस सपोर्स, मार्कोस बेस, एयर स्टेशन, फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस, सबमरीन और मिसाइल बोट बेस आदि.
भारतीय नौसेना के पास 300 एयरक्राफ्ट है. 150 जंगी जहाज और सबमरीन हैं. 4 फ्लीट टैंकर्स हैं. एक माइन काउंटरमेजर वेसल हैं. 24 कॉर्वेट्स और 15 अटैक सबमरीन हैं. एक बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन हैं. एक परमाणु ईंधन से चलने वाला अटैक सबमरीन है. 14 फ्रिगेट्स, 10 डेस्ट्रॉयर्स, 8 लैंडिंग शिप टैंक्स, एक एंफिबियस ट्रांसपोर्ट डॉक, दो एयरक्राफ्ट करियर हैं. कई छोटे पेट्रोल बोट्स हैं.
वहीँ बात पाकिस्तानी नौसेना की करें तो पाकिस्तानी नौसेना की स्थापना 14 अगस्त 1947 यानी बटवारें के वक्त ही हुई थी . इसका मुख्य उद्देश्य नेवल वॉरफेयर, मैरीटाइम सिक्योरिटी, तटीय सुरक्षा और सेकेंड स्ट्राइक कैपेबिलिटी है. पाकिस्तान की नौसेना के पास 54,100 एक्टिव जवान हैं. इसके अलावा 5000 रिजर्व फोर्स है. पाकिस्तान के पास वर्तमान समय में 154 जंगी जहाज और 85 एयरक्राफ्ट हैं. जिसका मुख्यालय इस्लामाबाद में है.
पाकिस्तानी नौसेना के पास 10 फ्रिगेट, 2 डेस्ट्रॉयर्स, 6 कॉर्वेट्स, 5 सबमरीन, 3 मिडगेट सबमरीन, 48 पेट्रोल वेसल, 7 फास्ट अटैक क्राफ्ट, 54 हाईस्पीड बोट्स, 6 ऑक्सीलरीज, 3 माइन काउंटरमेज़र वेसल, 2 रिसर्च एंड सर्वे वेसल और 4 सपोर्ट वेसल हैं. यक़ीनन ये सब मिलकर भी पकिस्तान भारत से कही नहीं अड़ता। तो सवाल ये हैं कि किस बिनाह पर पाकिस्तान एक छोटे अड़ियल बच्चे की तरह गोते मारता है.