Bihar assembly: बिहार में पत्तेदार सब्जियों, आलू, जड़ वाली सब्जियों समेत धान की फसलों में आर्सेनिक यानी ज़हर है. गुरुवार को बिहार सरकार ने विधानसभा को बताया कि वह राज्य के कई हिस्सों में भूजल में आर्सेनिक की समस्या से निपटने के लिए उपाय शुरू कर रही है.
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आर्सेनिक-दूषित भूजल के उपयोग से राज्य के कुछ जिलों में सब्जियों में आर्सेनिक की मात्रा बढ़ गई है.
आर्सेनिक दूषित भूजल के चलते राज्य के कुछ जिलों में सब्जियां हुई जहरीली
कृषि विभाग का भी प्रभार संभाल रहे सिन्हा ने बताया कि स्थिति का आकलन करने के लिए संबंधित विभागों की उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई है. उन्होंने बताया कि इस मामले पर लोक स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी, स्वास्थ्य और लघु जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ भी चर्चा की जा रही है.
पीटीआई के अनुसार, सिन्हा ने प्रश्नकाल के दौरान उठाए गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए विधानसभा को बताया, “आर्सेनिक दूषित भूजल के उपयोग से राज्य के कुछ जिलों में पत्तेदार सब्जियों, आलू सहित जड़ वाली सब्जियों और अन्य कृषि उपज में आर्सेनिक की सांद्रता पैदा हो गई है.”
Bihar assembly: किस सब्जी में है कितना जहर
सिन्हा ने बताया कि पत्तेदार सब्जियों में आर्सेनिक की मात्रा 0.1 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम, आलू सहित जड़ वाली सब्जियों में 0.3 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम तथा धान की फसलों में 1.0 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम पाई गई है.
इससे पहले, बिहार आर्थिक सर्वेक्षण ने भी 4,709 ग्रामीण वार्डों में भूजल में स्वीकार्य सीमा से अधिक आर्सेनिक, 3,789 वार्डों में फ्लोराइड और 21,709 वार्डों में आयरन की मौजूदगी को उजागर किया था.
ग्रामीण बिहार को ‘हैंडपंप मुक्त’ बनाया जाएगा
बिहार के पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार सिंह ने पहले पीटीआई को बताया था, “हम इस तथ्य से अवगत हैं… स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, राज्य सरकार ने ग्रामीण बिहार को ‘हैंडपंप मुक्त’ बनाने और ‘हर घर नल का जल’ योजना के तहत राज्य के ग्रामीण इलाकों में लोगों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने का फैसला किया है. बिहार के सभी ग्रामीण इलाकों को जल्द ही ‘हैंडपंप मुक्त’ बना दिया जाएगा.”
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