Indian Army:भारतीय सेना इन दिनों देशों की सीमाओं पर अपनी आर्टिलरी यानि तोपखाने की क्षमताओं को बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है.पूर्वी लद्दाख से सटे एलएसी पर भारत और चीन के बीच जारी तनाव और पाकिस्तानी सीमा से आतंकी घुसपैठ को देखते हुए भारतीय सेना ने ये हथियारों के जखीरे को बढ़ाने का फैसला किया है.
सेना जल्द ही 105 एमएम वाली 200 हॉवित्जर तोपों की खरीद के लिए टेंडर जारी करेगी. इसके अलावा सेना 400 टोड गन सिस्टम की भी खरीदेगी. हल्के होने की अपनी खूबी के कारण इन दोनों को आसानी से कहीं भी ले जाया सकता है.
Indian Army के पास होंगी हॉवित्जर तोपें
भारतीय सेना स्वदेशी कंपनियों की क्षमताओं का उपयोग कर अपने तोपखाने का आधुनिकीकरण कर रही है.रक्षा सूत्रों ने कहा कि यह पहली बार होगा कि भारतीय सेना के पास 105 मिमी की इस तरह की हॉवित्जर तोपें होंगी. इसे अग्रिम मोर्चे पर भी तैनात किया जा सकेगा. तोपों के निर्माण में भारतीय कंपनियों की क्षमता बढ़ी है और वे बड़ी संख्या में इसका निर्यात भी कर रही हैं. सेना मेक इन इंडिया को बढावा देते हुए देश में ही बने हथियारों की खरीद करेगी.
आर्टिलरी गन सिस्टम परियोजना
26 अप्रैल से 2 मई में पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज सबसे लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम स्वदेशी तोप का परीक्षण किया गया था.जिसको 155 मिमी/52 एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम भी कहा जाता है.यह उन्नत आर्टिलरी गन सिस्टम परियोजना DRDO द्वारा विकसित की गई एक आधुनिक 155 मिमी तोप है.इसे पुरानी आर्टिलरी गन की जगह के लिए बनाया जा रहा है.इसका वजन 18 टन है.DRDO द्वारा विकसित 155MM की ATAGS का पहला फायर 2016 में किया गया था.इस तोप को भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है.