Monday, March 10, 2025

Hindenburg new revelation : अडानी ग्रुप और SEBI चेयरपर्सन के बीच बताया कनेक्शन,हिंडनबर्ग का नया खुलासा

Hindenburg new revelation : हिंडनबर्ग ने आज फिर से एक सनसनीखेज रिपोर्ट देकर भारतीय राजनीति और  बाजार में खलबली मचा दिया है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक नई रिपोर्ट में दावा किया है कि अडानी ग्रुप और SEBI चेयरपर्सन के बीच लिंक है. हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि खुफिया तरिके से मिले दस्तावेजों से पता चलता है जिन ऑफशोर कंपनियों का इस्तेमाल अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल में हुआ था, उसमें सेवी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (MADHABI PURI BUCH) की भी हिस्सेदारी थी.

Hindenburg new revelation : अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में SEBI प्रमुख की हिस्सेदारी !

अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग अपने एक रिसर्च के खुलासे  में दावा किया है कि व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों से पता चला है कि SEBI चेयरपर्नसन की अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल की गई अस्पष्ट ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी थी. हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को एक्स पर एक पोस्ट किया था. इसमें एक भारतीय कंपनी से जुड़े एक और बड़े खुलासे का संकेत दिया गया था. अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म ने पोस्ट में लिखा था, “भारत में जल्द ही कुछ बड़ा होने वाला है”.

शनिवार को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक पोस्ट करते हुए खलबली मचा दी थी कि ‘भारत में कुछ बड़ा होने वाला है.’अब हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी वेबसाइट पर एक और रिपोर्ट में खुलासा किया है कि अडानी ग्रुप और SEBI चीफ के बीच लिंक है. हिंडनबर्ग रिसर्च में ये आरोप लगाया गया है कि खुफिया (व्हिसलब्लोअर) दस्तावेजों से पता चलता है अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल में जिन ऑफशोर संस्थाओं का इस्तेमाल हुआ, उसमें SEBI की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच की भी हिस्सेदारी थी.

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने सिंगापुर में 5 जून, 2015 को आईपीई प्लस फंड 1 के साथ अपना एकाउंट खोला. IIFL  के द्वारा हस्ताक्षरित फंड की घोषणा में बताया गया है कि  इनवेस्टमेंट का स्रोत सैलरी है और बुच दंपति की कुल इन्वेस्टमेंट 10 मिलियन डॉलर आंका गया .

हिंडनबर्ग रिसर्च का आरोप है कि इंडिया इंफोलाइन के माध्यम से अडानी के एक निदेशक ने ऑफशोर मॉरीशस फंड की स्थापना की थी और यह टैक्स हेवन मॉरीशस में रजिस्टर्ड है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने रिपोर्ट में ये भी कहा है कि ‘ इससे पहले यह नोटिस किया था कि सेबी द्वारा हस्तक्षेप के खतरे के बावजूद अडानी ग्रुप ने अपने काम को जारी रखा था. इससे से ये समझा जा सकता है कि सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और अडानी ग्रुप के बीच कोई संबंध है.

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