Land for job scam: जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दायर किया था,जिसमें राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत 17 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इसी केस को लेकर बुद्धवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई 20 दिसंबर तक के लिए टाल दी गई है. कोर्ट से आरोपी पक्ष की ओर से Land for job scam के मामले में स्क्रूटनी करने के लिए समय की मांग की गई थी. कोर्ट ने आरोपी की याचिका पर समय दे दिया है. इस मामले में अब 20 दिसंबर को सुनवाई की जाएगी . इसी मामले में 2 नवंबर को लालू-राबड़ी समेत सभी आरोपियों के पासपोर्ट अदालत में जमा करवाए गए थे.
Land for job scam मामले में जारी है सुनवाई
सीबीआई की ओर से इस मामले में लालू, राबड़ी और तेजस्वी की ओर से अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है. राउज एवेन्यू कोर्ट में बुधवार को होने वाली अहम सुनवाई में लालू यादव के अधिवक्ता की ओर से सीबीआई की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए गये.
आईए जानते है पूरा मामला
2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे भर्ती में घोटाला हुआ. नौकरी लगवाने के बदले आवेदकों से जमीन और प्लॉट रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और ए.के. इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड ने अपने हवाले कर लिया. सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू प्रसाद यादव और उनकी बेटी मीसा भारती के खिलाफ मामला दर्ज किया. आरोप है कि जो जमीनें ली गईं वो राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर भी ली गईं.
सीबीआई के अनुसार, नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में विभिन्न जोनल रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि नौकरी के बदले में उम्मीदवारों ने सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से कथित तौर पर लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को अत्यधिक रियायती दरों पर जमीन बेची, जो मौजूदा बाजार दरों के एक-चौथाई से पांचवें हिस्से तक थी.