Gyanvapi Mosque Case: शुक्रवार को वाराणसी की एक अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा अतिरिक्त सर्वेक्षण के लिए हिंदू पक्ष की याचिका खारिज कर दी. युगुल शंभू की अध्यक्षता वाली सिविल जज (सीनियर डिवीजन) फास्ट ट्रैक कोर्ट, वाराणसी की अदालत ने याचिका खारिज कर दी.
Gyanvapi Mosque Case: फैसले के खिलाफ याचिका डालेंगा हिंदू पक्ष
अदालत में याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने कहा कि वह आदेश का अध्ययन करेंगे और उसके बाद तय करेंगे कि इसके खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय या जिला अदालत में याचिका दायर की जाए या नहीं.
फरवरी में रस्तोगी ने वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की फास्ट ट्रैक कोर्ट में याचिका दायर कर एएसआई को संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर का व्यापक सर्वेक्षण करने का आदेश देने का अनुरोध किया था.
संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर का व्यापक सर्वेक्षण कराने की है मांग
प्राचीन मूर्ति स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर एवं अन्य बनाम अंजुमन इंतेज़ामिया मसाजिद कमेटी’ मामले में भगवान विश्वेश्वर के अगले मित्र के रूप में कार्य कर रहे रस्तोगी ने कहा था, “हमने संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर का व्यापक सर्वेक्षण करने के लिए एएसआई को आदेश देने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था.”
रस्तोगी ने अपनी अर्जी में अदालत से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के महानिदेशक को निर्देश देने का अनुरोध किया कि वे बस्ती भूखंड संख्या 9130 पर स्थित संपूर्ण ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करें, जिसमें पुरातात्विक विधियों, ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर), जियो-रेडियोलॉजी सिस्टम और उत्खनन का उपयोग किया जाए. उन्होंने अनुरोध किया कि मौजूदा संरचना को कोई नुकसान पहुंचाए बिना संरचना के सभी हिस्सों, जिसमें केंद्रीय गुंबद, तहखाने, द्वार और कक्ष शामिल हैं, का सर्वेक्षण किया जाए.
अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद कमेटी ने किया था याचिका का विरोध
रस्तोगी ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर प्लॉट संख्या 9130 पर स्थित है, जो भगवान आदि विश्वेश्वर के दो निकटवर्ती प्लॉटों, संख्या 9131 और 9132 से जुड़ा हुआ है. ज्ञानवापी मस्जिद के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद कमेटी ने याचिका का विरोध किया.
एएसआई कर चुका है मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण
एएसआई ने वाराणसी जिला न्यायाधीश के 21 जुलाई, 2023 के आदेश के अनुसार काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया था, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं.
एएसआई ने 18 दिसंबर को जिला न्यायालय को एक सीलबंद रिपोर्ट में अपने सर्वेक्षण के निष्कर्ष प्रस्तुत किए. जिला न्यायालय ने दोनों पक्षों को एएसआई रिपोर्ट की एक-एक प्रति प्रदान की. एएसआई ने वास्तुशिल्प अवशेषों, उजागर विशेषताओं, कलाकृतियों, शिलालेखों, कला और मूर्तियों का अध्ययन किया.
सर्वेक्षण हिंदू याचिकाकर्ताओं के इस दावा के बाद किया गया कि 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण पहले के मंदिर के ऊपर किया गया है.
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