वाराणसी:भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम 17 नवंबर को ज्ञानवापी Gyanvapi Case परिसर में लगभग तीन माह तक चले वैज्ञानिक सर्वे की रिपोर्ट जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सौंपेगी. ज्ञानवापी से जुड़े सबूत और घटनाक्रम वाले सर्वे रिपोर्ट पर सभी की नजर है.दिल्ली की राखी सिंह सहित पांच महिलाओं की शृंगार गौरी सहित अन्य विग्रहों की पूजा के लिए अधिकार की मांग थr. अर्जी पर जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराया है.

Gyanvapi Case : विग्रह पूजन पर रोक
महिलाओं का कहना था कि वर्षों से ज्ञानवापी परिसर में आदिविश्वेश्वर, पार्वती, शृंगार गौरी, हनुमान जी सहित अन्य विग्रह विद्यमान हैं. जिसे पूर्व में विदेशी आक्रांताओं ने क्षतिग्रस्त कर मलबे से ढक दिया है.शृंगार गौरी सहित कुछ विग्रह दिख रहे हैं लेकिन उनके पूजन से रोका जाता है.इसके साथ ही दूसरे संप्रदाय के लोग उन्हें भी क्षतिग्रस्त करने पर तुले हुए हैं. अदालत ने सुनवाई करते हुए कोर्ट कमीशन की कार्रवाई की. जिसमें वज़ूखाना से एक आकृति सामने आई थी.आकृति को हिन्दू पक्ष ने शिवलिंग बताया तो मुस्लिम पक्ष ने फव्वारा कहा, बाद में इस विवाद के बीच में वुजूखाना को शीर्ष अदालत के आदेश पर सील कर दिया गया.हिन्दू पक्ष की मांग पर अदालत ने परिसर के शेष हिस्सों के तथ्यों की सत्यता परखने के लिए बिना किसी क्षति पहुंचाए वैज्ञानिक तरीके से सर्वे का आदेश दिया था. ASI ने चार अगस्त से तीन नवम्बर तक परिसर में लगातार सर्वे किया.
तीन मामलों पर होगी सुनवाई
ज्ञानवापी-आदि विश्वेश्वर से जुड़े तीन और मामलों में आज विभिन्न अदालतों में सुनवाई होगी.स्पेशल सीजीएम कोर्ट में शिवलिंग आकृति को क्षतिग्रस्त करने वाले आरोपियों पर केस दर्ज करने की मांग की गई है. ऐसे में एडीजे सप्तम की अदालत परिसर में उर्स व चादरपोशी की मांग वाली अर्जी पर पक्षकार बनने की अर्जी को सुनेगी. सिविल जज एफटीसी की अदालत में ज्ञानवापी परिसर में गैरहिन्दुओं के प्रवेश पर रोक को सुना जाएगा.परिसर की हर तरह से मीनार, तहखानों में परम्परागत तरीके से और जीपीएस समेत अन्य अत्याधुनिक मशीनों के जरिये साक्ष्यों की जांच की गई.