केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र का जवाब दिया है. केंद्रीय मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि सोनिया गांधी संसद सत्र को लेकर राजनीति करने की कोशिश कर रही हैं.
सत्र बुलाने सरकार का विशेषाधिकार है- प्रह्लाद जोशी
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए आरोप लगाया कि, “वह (सोनिया गांधी) राजनीति करने की कोशिश कर रही हैं…अतीत में कहीं भी सत्र बुलाने से पहले विपक्षी दलों से सलाह-मशविरा नहीं किया गया…यह सरकार का विशेषाधिकार है.”
#WATCH वह (सोनिया गांधी) राजनीति करने की कोशिश कर रही हैं…अतीत में कहीं भी सत्र बुलाने से पहले विपक्षी दलों से सलाह-मशविरा नहीं किया गया…यह सरकार का विशेषाधिकार है: केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, दिल्ली pic.twitter.com/Czct0aGygG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 6, 2023
प्रह्लाद जोशी ने सोनिया के पत्र के जवाब में क्या लिखा
केंद्रीय मंत्री ने अपने पत्र में लिखा, ” यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप संसद, हमारे लोकतंत्र के मंदिर के कामकाज का भी राजनीतिकरण करने और जहां कोई विवाद नही है वहां अनावश्यक विवाद उत्पन्न करने का प्रयास कर रही हैं.
जैसा कि आपको विदित है, अनुच्छेद 85 के तहत संवैधानिक जनादेश का पालन करते हुए संसद सत्र नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं, जो प्रावधान करता है कि “राष्ट्रपति समय-समय पर, संसद के प्रत्येक सदन को ऐसे समय और स्थान पर,जो वह ठीक समझे, अधिवेशन के लिए आहूत करेगा, किन्तु उसके एक सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की प्रथम बैठक के लिए नियत तारीख के बीच छह मास का अंतर नहीं होगा”. पूर्ण रूप से स्थापित प्रक्रिया का पालन करते हुए ही संसदीय कार्य संबंधी मंत्रिमंडल समिति के अनुमोदन के पश्चात, राष्ट्रपति महोदया द्वारा 18 सितंबर से आरम्भ होने वाले संसद सत्र को बुलाया है.
शायद आपका परम्पराओं की ओर ध्यान नहीं है. संसद सत्र बुलाने से पहले न कभी राजनैतिक दलों से चर्चा की जाती है और न कभी मुद॒दों पर चर्चा की जाती है. महामहिम राष्ट्रपति जी के सत्र बुलाने के बाद और सत्र आरम्भ होने के पहले सभी दलों के नेताओं की बैठक होती है जिसमे संसद में उठने वाले मुद्दों और कामकाज पर चर्चा होती है.
मैं यह भी बताना चाहूंगा की हमारी सरकार किसी भी मुद्दे पर हमेशा चर्चा करने के लिए तैयार रहती है. वैसे तो आपने जिन मुद्दों का उल्लेख किया है वह सभी मुददे अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कुछ ही समय पूर्व मानसून सत्र के दौरान उठाए गए थे और सरकार द्वारा उन पर जवाब भी दिया गया था.
सत्र की कार्यसूची हमेशा की तरह स्थापित आचरण के अनुसार उचित समय पर परिचालित की जाएगी. मैं यह भी फिर से ध्यान दिलाना चाहता हूं कि हमारी संसदीय कार्यप्रणाली में चाहे सरकार किसी भी दल की रही हो, आजतक संसद बुलाने के समय कार्यसूची पहले से कभी भी परिचालित नहीं की गई.
मुझे पूर्ण विश्वास है कि संसद की गरिमा बनी रहेगी और इस मंच का उपयोग राजनीतिक विवादों के लिए नहीं किया जाएगा. इसके अतिरिक्त, मैं आगामी सत्र को सुचारू रूप से चलाने में आपके पूर्ण सहयोग की अपेक्षा करता हूं जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय हित में सार्थक परिणाम सामने आ सकें. “
सोनिया गांधी ने लिखा था प्रधानमंत्री को पत्र
आपको बता दें, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर संसद के विशेष सत्र में विपक्ष की तरफ से 9 मुद्दों की लिस्ट दी है जिसपर वो चर्चा चाहते है. सोनिया गांधी के पत्र में महंगाई, बेरोज़गारी से लेकर मणिपुर, हरियाणा की हिंसा और अडानी घोटाले का भी जिक्र है. सोनिया गांधी ने अपने पत्र में नाराज़गी भी जताई है कि सरकार ने विपक्ष के साथ विशेष सत्र बुलाने से पहले न उसकी चर्चा की और न अब उसे विशेष सत्र का एजेंडा ही बताया जा रहा है.
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