Friday, November 8, 2024

Conman Kiran Patel: ठग किरण पटेल को लेकर सवालों के घेरे में सरकार, कांग्रेस का सवाल-कौन लेगा जिम्मेदारी और देगा इस्तीफा?

जेड-प्लस सुरक्षा कवर, एक बुलेटप्रूफ एसयूवी और जम्मू-कश्मीर के एक पांच सितारा होटल में सरकारी खर्च पर रहने वाला ठग किरण पटेल कौन है….वो कश्मीर क्यों गया? क्या सिर्फ वो वहां धूमने गया था? या फिर उसे किसी ने मिशन पर भेजा था? अगर मिशन पर गया था तो क्या था उसका मिशन कश्मीर?

विपक्षी दलों ने साधा बीजेपी पर निशाना

शुक्रवार जब से ठग किरन पटेल की गिरफ्तारी और उसके किए कारनामे की खबर आम हुई है ट्वीटर पर लोग उसे लेकर कई तरह के ट्वीट कर रहे है. कोई हैरान है कि सेना-प्रशासन के मजबूत चक्रव्यूह को एक ठग ने कैसे भेद लिया तो कोई ये मानने को तैयार ही नहीं है कि किरन पटेल के सर पर किसी का हाथ नहीं है.
लोगों ने किरन पटेल की पूरी जन्म कुंडली ढूंढ निकाली है कि वो क्या करता है? कहा रहता है? किसका समर्थक है? किसका विरोधी? सिर्फ आम और खास नहीं इस महाठग की ठगी को देख राजनीतिक पार्टियां भी हैरान है.

तेजस्वी ने कहा सुरक्षा में चूक हुई, कौन है जिम्मेदार?

शुक्रवार को जब किरन पटेल ट्रेंड होने लगा तो सबसे पहले गुजरात के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इसको लेकर कुछ सवाल खड़े कर दिए. तेजस्वी ने एक समाचार एजेंसी से कहा कि, “देश की सरकार और सुरक्षा एजेंसिंयों को गौर करना चाहिए कि कैसे गुजरात का एक व्यक्ति PMO का स्पेशल सेक्रेटरी बन जम्मू-कश्मीर में 4 महीने रहता है, सेना के अंतिम पोस्ट तक जाता है और सारी जरूरी जानकारी लेता है. ये सूरक्षा में बहुत बड़ी चूक है.” तेजस्वी ने इस ठग के बहाने गृहमंत्री अमित शाह पर भी निशाना साध लिया. तेजस्वी ने कहा, “इस वयक्ति का नाम किरण भाई पटेल है, ये BJP का सदस्य है और गृह मंत्री अमित शाह के साथ इसकी तस्वीर है. सुरक्षा एजेंसियां तो विपक्ष के नेताओं के पीछे पड़ी हैं लेकिन ये बहुत गंभीर मामला है.”

आम आदमी पार्टी ने बताया बीजेपी का है कार्यकर्ता

तेजस्वी के बाद इस मामले में आजकल बीजेपी से बेहद खफा आम आदमी पार्टी ने भी अपनी राय रख दी. आप के ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया गया, “और क्या PROOF चाहिए कि BJP गुंडों और ठगों की पार्टी है? BJP Gujarat Leader #KiranPatel PMO का Officer बनकर जनता के Tax का पैसा बर्बाद कर रहा है. इसका BJP Membership No. 1000130975, खुद को PMO Officer बोलकर Kashmir जाता है, सरकारी सुरक्षा और सुविधाओं का फायदा उठाता है”

अभी किरन पटेल के शातिर दिमाग की बात से सब हैरान ही थे कि आप ने उन्हें ये कह और उलझा दिया की ये ठग बीजेपी का सदस्य है.

कांग्रेस ने पूछा सुरक्षा में चूक के इस मामले पर कौन नेता और मंत्री अपना इस्तीफा देगा?

इसके बाद इस मामले में इंट्री होती है कांग्रेस की कांग्रेस ने इस मामले में अलग ही एंगल दे दिया उसके प्रवक्ता पवन खेरा ने वीडियो जारी कर ये बताया की Z+ सुरक्षा होती क्या है और इसके लिए कितना पैसा खर्च होता है……पवन खेरा ने इस मामले में जांच की भी मांग कर दी. पवन खेरा ने अपने ट्वीट वीडियो के साथ लिखा…..देश में 40 लोगों को Z+ सुरक्षा मिली है. हमारे 3 जरूरी सवाल 1. क्या PMO के किसी अफसर को Z+ सुरक्षा मिल सकती है? 2. क्या Z+ सुरक्षा मिलनी चाहिए? 3. क्या Z+ सुरक्षा आसानी से मिल जाती है? ये जानना बेहद जरूरी है कि एक ठग को सुरक्षा देने के निर्देश किस स्तर से आए? खेरा ने इसके साथ ही ये भी बताया की Z+ सुरक्षा मुहइय्या कराने में कितने पैसे लगते है. पवन खेरा के मुताबिक ये जनाब पिछले 5 महीने से कश्मीर में थे और इनके एक महीने की सुरक्षा के लिए सरकार 35 लाख रुपये कर रही थी. इतना ही नहीं पवन खेड़ा ने इसे इसंपेक्टर देवेंद्र सिंह मामला से जोड़ते हुए इसे देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ बताया और पूछा की इस मामले में कौन नेता और मंत्री अपना इस्तीफा देगा.


जनता भी पूछ रही है सवाल आखिर कैसे हुई सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक

सिर्फ राजनीतिक दल नहीं आम लोग भी ये सवाल ट्वीटर पर लगातार पूछ रहे ह कि इस ठग ने 5 महीने में देश की कितनी संवेदनशील जानकारी जमा कर ली है. कुछ लोग तंज कर रहे है कि इस मामले में भी बाकी सभी मामलों की तरह सच्चाई सामने नहीं आ पाएगी. एक भीकू मात्रे मान के यूज़र ने तो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की तस्वीर लगा ये लिख दिया की, “मीडिया हमेशा की तरह समझ नहीं पाया कि नौकरशाही से कबाड़ हटाने के लिए किरण पटेल का इस्तेमाल क्यों किया गया…” यानी कुछ लोग इसे गृहमंत्री अमित शाह और सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के सीक्रेट मिशन का हिस्सा मान रहे है. एक और मास्टर स्ट्रोक…..वहीं कुछ कांग्रेस की तरह ही सरकार पर बहुत गंभीर आरोप लगा. केंद्र सरकार को आज़ादी के 76 साल की सबसे लच्चर और कमज़ोर सरकार करार दे रहे है जो इतने संवेदनशील इलाके, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा का ठीक इंतजाम नहीं कर पा रही है.

यानी जितने मुंह उतनी बात. वैसे इस मामले में जांच तो होनी ही चाहिए सिर्फ इसलिए नहीं की राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे को उठा रही है बल्कि इसलिए भी कि इस घटना से देश की साख पर भी भट्ठा लगता है. जिस देश 130 करोड़ लोगों में से सिर्फ 40 लोगों Z+ सुरक्षा हासिल हो वहां एक आदमी 5 महीने तक सेना और शासन को उल्लू बना ले….ये बात विश्वास करने योग्य है भी नहीं. क्या आपको भी लगता है कि इस मामले की सच्चाई कुछ और है. और इस मामले की पूरी सच्चाई को देश के सामने आना चाहिए.

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