नई दिल्ली : बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन को जेल मैनुअल Jail Manual के उल्लंघन के मामले में एमपी एमएलए अदालत से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने दो साल पुराने एक मामले में आनंद मोहन को बरी कर दिया है.
क्या है Jail Manual उल्लंघन का मामला ?
गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैय्या की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा के दौरान आनंद मोहन जब सहरसा जेल मे बंद थे, तब उनके सेल में पुलिस ने छापेमारी की थी. जिस समय छापेमारी हुई आनंद मोहन अपने बैरक में ही मौजूद थे. पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक आनंद मोहन के बैरक से 4 मोबाइल फोन मिलने का दावा किया गया था और Jail Manual का उल्लंघन माना गया था.
बाद में Jail Manual उल्लंघन का ये मामला कोर्ट में गया. मामले की पैरवी करते हुए पुलिस इस बात को स्थापित नहीं कर पाई कि जो मोबाइल फोन उन्हें मिले थे वो आनंद मोहन के ही थे. इसलिए बुधवार 18 अक्टूबर को जब इस मामले में सुनवाई हुई तो साक्ष्यों के अभाव में अदालत ने आनंद मोहन को मामले से बरी कर दिया. आनंद मोहन ने खुद इस मामले की जानकारी मीडिया को दी.
अब भी लालू यादव के करीबी हैं Anand Mohan ?
आनंद मोहन बाहुबली होने के साथ साथ शुरु से ऱाष्ट्रीय जनता दल से जुड़े रहे हैं और आरजेडी से ही लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत कर सांसद बने. आनंद मोहन लालू यादव और लालू परिवार के करीबी माने जाते हैं. लेकिन हाल ही में ‘ठाकुर का कुंआ’ विवाद के कारण लालू प्रसाद यादव ने जो बयान दिया उसके बाद ये कयास लगाये जाने लगे कि लालू परिवार और आनंद मोहन के बीच दरार पड़ रही है और ये तल्खी उसी का नतीजा है. यही कारण है कि आनंद मोहन ने आरजेडी से राज्यसभा सांसद मनोज झा के बयान पर जुबान खींच लेने तैसी तल्ख टिप्पणी की थी.
ठाकुर का कुंआ कविता के बाद जुबान खींच लेने वाले बयान पर आनंद मोहन की सफाई, जिस तरह से लोकसभा में प्रतीकात्मक रुप से ठाकुर का कुंआ का पाठ किया गया, उसी तरह मैंने जुबान खींचने की बात कही..#Bihar #anandmohan pic.twitter.com/NyCFUsDrJp
— THEBHARATNOW (@thebharatnow) October 19, 2023
Anand Mohan जेडीयू में हो रहे हैं शामिल ?
आनंद मोहन के जेडीयू में शामिल होने की बात चल रही है, इस मामले पर जब पत्रकारों ने आनंद मोहन से बात की तो आनंद मोहन ने सफाई दी कि है कि जिस तरह से ठाकुर का कुंआ प्रतीकत्मक कविता थी , उसी तरह से उन्होंने जो बयान दिया वो भी एक मुहावरा था और प्रतीकात्मक रुप से जुबान खींच लेने की बात कही गई थी. संसद में राज्यसभा सांसद मनोज झा के ‘ठाकुर का कुआं’ कविता से शुरु हुए विवाद और तल्खी पर सफाई देते हुए आनंद मोहन ने कहा कि लालू यादव उनके बड़े भाई हैं. हलांकि जब आरजेडी नेता ने ठाकुर का कुंआ कविता लोकसभा मे पढ़ी तो आनंद मोहन और उनके परिवार की तऱफ से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई थी लेकिन जैसे ही लालू प्रसाद यादव ने मनोज झा का समर्थन किया आनंद मोहन बैकफुट पर आ गये.
आनंद मोहन ने कहा कि लालू यादव हमेशा से उनके बड़े भाई रहे हैं. वो चाहे जो बोलें हम सुनते हैं, उनकी बात का कभी जवाब नहीं देते हैं. आनंद मोहन ने कहा कि हम लालू यादव के मिशन और विचार धारा को ही आगे बढ़ा रहे हैं.