Flag hoisting row : दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और राज्य के गृह मंत्री कैलाश गहलोत को राज्य स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए नामित किया है. इससे पहले मंगलवार को दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) द्वारा अपने मंत्री गोपाल राय के उस निर्देश का पालन करने से इनकार कर दिया था जिसमें कहा गया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने शिक्षा मंत्री आतिशी को शहर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए नमित किया है इसलिए विभाग जरूरी व्यवस्था करें.
जीएडी के इनकार पर आतिशी ने क्या कहा था
जीएडी के अपने मंत्री के आदेश मानने से इनकार के बाद आप पार्टी की ओर से शिक्षा मंत्री आतिशी ने एक प्रेस वार्ता कर कहा था, “दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर चुनी हुई सरकार और मुख्यमंत्री को झंडा फहराने का अधिकार है. लेकिन वह अभी न्यायिक हिरासत में हैं तो उन्होंने मंत्री होने के नाते मुझे झंडा फहराने को कहा, इसके लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने पत्र लिखा और आदेश दिया कि 15 अगस्त को मंत्री होने के नाते मैं झंडा फहराऊं लेकिन अधिकारियों ने इस आदेश को भी मानने से इनकार कर दिया.“
उन्होंने कहा, “15 अगस्त को हम देश की आजादी का जश्न मनाने और आम लोगों की आवाज को बुलंद करने के लिए तिरंगा झंडा फहराते हैं. 1947 से पहले देश में अंग्रेजों का शासन था और वह अपनी मर्जी से यहां शासन चलाते थे. आज दिल्ली की चुनी हुई सरकार को झंडा फहराने के अधिकार से रोका जा रहा है तो लगता है कि दिल्ली में कोई नए वायसराय आ गए हैं.”
गोपाल राय ने जीएडी को दिया था तैयारी का निर्देश
आपको बता दें, 7 अगस्त को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलजी को लिखे एक पत्र में कहा था क्यों के वह तिहाड़ जेल में हैं इसलिए उनकी जगह मंत्री आतिशी इस बार स्वतंत्रता दिवस पर झंड़ा फहराएंगी. एलजी ऑफिस ने जब इस पत्र का जवाब सोमवार यानी 12 अगस्त तक नहीं दिया तो सोमवार को मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को मुख्यमंत्री ने मुलाकात के बाद जीएडी को स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों के लेकर निर्देश जारी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की इच्छा है कि इस बार दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी झंडा वंदन करेगी.
Flag hoisting row: राय के निर्देश पर डीएडी ने क्या जवाब दिया
राय के पत्र का जवाब देते हुए जीएडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन कुमार चौधरी ने कहा कि विभाग ने स्वतंत्रता दिवस के लिए मुख्यमंत्री की सुविधानुसार उनकी उपलब्धता मांगी थी, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय ने न्यायिक हिरासत में होने के कारण उनकी अनुपलब्धता का संकेत दिया है. पत्र में कहा गया है, “इसलिए इस मुद्दे को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया है और निर्णय की प्रतीक्षा है.”