Sunday, December 22, 2024

फीफा 2022: ईरानी महिलाओं के संघर्ष के समर्थन में राष्ट्रगान के दौरान चुप रहे ईरानी खिलाड़ी, ईरान में हिजाब को लेकर मचा है बवाल

सोमवार को कतर में हो रहा फुटबॉल वर्ल्ड कप में अलग ही नज़ारा देखने को मिला. शाम को इंग्लैंड-ईरान मुकाबले से पहले ईरानी टीम ने अनोखा विरोध का प्रदर्शन किया. ईरानी टीम के सभी खिलाड़ी राष्ट्रगान के दौरान मौन खड़े रहे. जबकि इंग्लिश खिलाड़ियों ने अपना राष्ट्रगान गर्व से गाया.ईरानी खिलाड़ी का विरोध प्रदर्शन अपने देश में महिलाओं के लिए बनाए गए सख्त इस्लामिक ड्रेस कोड के विरोध में था. आपको बता दें इस साल अगस्त से ईरान में महिलाएं हिजाब के खिलाफ सड़कों पर है. वह हिजाब जलाकर, सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर अपनी आवाज़ बुलंद कर रही हैं. ऐसे में फुटबॉल टीम का ये प्रदर्शन उनकी संघर्ष का समर्थन था.

FIFA के मंच से दुनिया के सामने रखा ईरान का सच
ईरान में महिलाओं के संघर्ष को दबाने के आरोप वहाँ कि सरकार लगते रहे है. बताया जाता है कि हजारों प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, सैकड़ों लोगों प्रदर्शन के दौरान जान गवा चुकें हैं. ऐसे में ईरान की दमनकारी सरकार और वहां की महिलाओं के संघर्ष को टीम ने फुटबॉल वर्ल्ड कप के मंच से दुनिया के सामने रखा.

इससे पहले भी किया है ईरान के खिलाड़ियों ने विरोध प्रदर्शन
ईरानी के खिलाड़ी पहले भी देश की महिलाओं के प्रदर्शनों का पहले भी समर्थन कर चुके हैं. खिलाड़ियों ने एक फ्रेंडली मैच के दौरान देश के सिंबल को काली जैकेट से ढ़क कर विरोध जताया था. वहीं कुछ खिलाड़ियों ने गोल दागने के जश्न नहीं मना महिलाओं के संघर्ष का साथ दिया था. सिर्फ फुटबॉल ही नहीं इसके अलावा दूसरे खेलों के खिलाड़ी भी राष्ट्रगान के दौरान चुप रहकर ऐसा विरोध कर चुकें हैं.

क्या है माहसा की कहानी
ईरान के शहर कुर्दिस्तान की रहने वाली 22 साल की लड़की महसा अमीनी 13 सितंबर 2022 को राजधानी तेहरान आई थी. बताया जा रहा है कि यहां उसे नैतिक पुलिस जिसे मॉरल पुलिस या हिजाब पुलिस भी कहा जाता है ने गिरफ्तार कर लिया. आरोप था कि उसने हिजाब ठीक से नहीं पहना था. महसा अमीनी की तीन दिन कोमा में रहने के बाद अस्पताल में मौत हो जाती है. मौत की वजह क्या है इसको लेकर ही बवाल शुरु हुआ. सोशल मीडिया पर कई लोग दावा कर रहे हैं कि महसा की मौत पुलिसिया जुल्म के कारण हुई. उसे हिजाब सही से नहीं पहनने की सजा के तौर पर शारीरिक यातनाएं दी गई जिससे उसकी मौत हो गई. हलांकि पुलिस का कहना है कि महसा बीमार थी. बचपन में उसके दिमाग का ऑपरेशन भी हुआ था. पुलिस का कहना है कि उसकी मौत की वजह बीमारी है. लेकिन महसा के पिता पुलिस के दावे को झूठ बता रहे हैं. इसके बाद से ही ईरान में ड्रस कोर्ड के खिलाफ प्रदर्शनों का दौर शुरु हुआ.

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