मुंबई: लोग दिवाली के त्योहार की तैयारियों में व्यस्त हैं। मगर, पूर्वांचल एवं बिहार-झारखंड में दिवाली के साथ ही महापर्व छठ का इंतजार शुरू हो जाता है। नहाय-खाय से शुरू होने वाले इस चार दिवसीय छठ पर्व का समापन ऊषा अर्घ्य के साथ होता है। घर से लेकर घाट तक छठ गीत गूंजते हैं। हम आपको ऐसे ही कुछ गानों के बारे में बता रहे हैं, जिनके बिना यह त्योहार शायद अधूरा रहे। जानिए
'पहिले-पहिले हम कईनी छठी मइया'
छठ का त्योहार दिवंगत गायिका शारदा सिन्हा के गीतों के बिना अधूरा है। उन्होंने छठ के कई गीत गाए हैं। इस अवसर पर उन्हीं का गाना 'पहिले-पहिले हम कईनी छठी मइया' खूब सुना जाता है।
'कांच ही बांस के बहंगिया'
यह गाना छठ के महापर्व पर जरूर चलता है। इसे अनुराधा पौडवाल ने अपनी सुरीली आवाज से सजाया है। सुरेंद्र कोहली ने इसका म्यूजिक डायरेक्शन किया।
'जोड़े-जोड़े फलवा'
यह गाना भोजपुरी इंडस्ट्री के पावरस्टार एवं सिंगर पवन सिंह ने गाया। यह गाना तीन साल पहले रिलीज किया गया था। मगर, हर छठ पर्व पर लोग इसे जरूर चलाते हैं। यह गाना छठ आते ही ट्रेंड होने लगता है।
'बबुआ जे रहिते त माई माई कहिते'
यह गाना भी पावर स्टार पवन सिंह ने गाया है। यह काफी इमोशनल सॉन्ग है, जिसे सुनकर आप भाव-विभोर हो जाएंगे। इस गाने में छठी मईया से संतान के लिए गुहार लगाई जाती है।
'छठी मईया करिहा दुलार'
यह गाना अक्षरा सिंह का है, जो साल 2023 में रिलीज हुआ। लोक आस्था के पर्व पर यह भी खूब सुना जाता है।
कब है छठ पर्व?
बता दें कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थि तिथि से छठ पूजा की शुरुआत हो जाती है। छठ पर्व के पहले दिन नहाय-खाय की परंपरा है होता है। दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन श्रद्धालु सूर्यास्त के समय जल में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इस दिन घाट पर रौनक देखने लायक होती है। अंतिम दिन प्रातःकाल उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाता है। इसके साथ ही व्रत का पारण होता है। इस साल छठ का पर्व 25 अक्तूबर 2025 से 28 अक्तूबर तक चलेगा।

