मनोरंजन डेस्क : कुछ फिल्में अपने एक्शन से याद रहती हैं, कुछ अपने डायलॉग्स से लेकिन ‘कंट्रोल’ Controll उन फिल्मों में से है जो अपने मुद्दे से असर छोड़ती है और वो मुद्दा है साइबर क्राइम, जो आज किसी भी हथियार से ज़्यादा खतरनाक साबित हो रहा है।
Controll है डिजिटल दुनिया की कहानी
कहानी में कोई बहुत ज़्यादा ट्विस्ट नहीं हैं लेकिन जो है वो गहराई से जुड़ा है। अभिमन्यु (ठाकुर अनूप सिंह) एक ईमानदार फौजी है, जो अपने बहनोई की आत्महत्या के बाद खुद एक मिशन पर निकल पड़ता है। एक आम आदमी की तरह, वो सिस्टम के खिलाफ जवाब चाहता है कि आखिर कैसे एक मासूम इंसान को डिजिटल दुनिया ने मार डाला।
डिजिटल दुनिया से डरने की जरूरत नहीं
फिल्म की सबसे बड़ी खूबी है इसकी प्रासंगिकता। आज जब हर कोई ऑनलाइन है, हममें से किसी के भी साथ ऐसी घटना हो सकती है। फिल्म इसी डर को उभारती नहीं, बल्कि उससे लड़ने की हिम्मत देती है।
Controll में कलाकारों का उम्दा प्रदर्शन
परफॉर्मेंस की बात करें, तो ठाकुर अनूप सिंह का अभिनय बेहद संवेदनशील और सधा हुआ है। वो नायक जरूर हैं, लेकिन सुपरहीरो नहीं और यही उन्हें असल बनाता है। रोहित रॉय खामोश लेकिन चालाक खलनायक के रूप में मजबूत नज़र आते हैं। प्रिया आनंद, राजेश शर्मा और अन्य कलाकार भी विश्वसनीय लगे हैं।
फिल्म पर निर्देशक की पकड़ दिखती है
डायरेक्शन में सफदर अब्बास की पकड़ साफ दिखती है। फिल्म की लंबाई सही है, एडिटिंग टाइट है और सिनेमैटोग्राफी में जरूरी ठहराव है। हालांकि कुछ तकनीकी हिस्से जैसे बैकग्राउंड स्कोर और बेहतर हो सकते थे।
Controll फिल्म को परिवार के साथ देखें
आज की नई पीढ़ी भले ही डिजिटली थोड़ी स्मार्ट हो गई है लेकिन 70-80’s के लोग आसानी से इसका शिकार बनते हैं। ऐसे में इस फिल्म को अपने परिवार के बड़े बुजुर्गों और बच्चों के साथ देखें, ताकि वो भी फ्रॉड से बचें और हमेशा हर एक चीज को शक की नजर से देखें। ‘कंट्रोल’ न सिर्फ एक फिल्म है, बल्कि एक मैसेज है — कि जागरूक रहना अब सिर्फ विकल्प नहीं, ज़रूरत बन चुका है। बाकी आखिर में यही कहा जा सकता है कि कंट्रोल देखिए, हो सकता है अगली बार स्क्रीन पर जो खतरा हो, वो आपके आसपास हो।
फिल्म कंट्रोल के मुख्य कलाकार हैं ठाकुर अनूप सिंह,रोहित रॉय और प्रिया आनंद. फिल्म के निर्देशक हैं सफदर अब्बास. ये फिल्म लगभग दो घंटे की और इसे रेटिंग मिली है 4 स्टार की.