Land-for jobs case: बुधवार को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए. अधिकारियों ने बताया कि उन्हें जमीन के बदले नौकरी घोटाले की जांच के सिलसिले में तलब किया था.
बीमार चल रहे 70 वर्षीय लालू यादव सुबह करीब 10.30 बजे पटना में ईडी के बैंक रोड कार्यालय पहुंचे और करीब चार घंटे की पूछताछ के बाद परिसर से बाहर निकल गए.
सड़क किनारे लालू समर्थक थे जमा
लालू प्रसाद की सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती, जो पाटलिपुत्र से राजद सांसद भी हैं, अपने पिता के साथ मौजूद थीं. ईडी कार्यालय की ओर जाने वाली सड़क पर राजद कार्यकर्ता और लालू यादव के समर्थक बड़ी संख्या में मौजूद थे और उनके समर्थन में नारे लगा रहे थे.
#WATCH पटना: RJD अध्यक्ष लालू यादव जमीन के बदले नौकरी घोटाले में एजेंसी के सामने पेश होने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर पहुंचे। pic.twitter.com/Ybc7EzFJ0w
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 19, 2025
हालांकि, अपनी भाषा और बोलने के बेबाक अंदाज के लिए मशहूर के लिए मशहूर लालू प्रसाद ने पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया और अपनी कार के अंदर से ही चुपचाप हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया.
मंगलवार को लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी और बड़े बेटे तेजप्रताप यादव, जो इस मामले में सह-आरोपी हैं, से एजेंसी ने करीब चार घंटे तक पूछताछ की थी.
हमें परेशान किया जाएगा, हम उतने ही मजबूत होते जाएंगे-तेजस्वी
इस बीच, इस मामले में आरोपी लालू प्रसाद के छोटे बेटे और उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव ने संवाददाताओं से कहा, “जितना अधिक हमें परेशान किया जाएगा, हम उतने ही मजबूत होते जाएंगे. बेशक, यह मामला राजनीति से प्रेरित है. अगर मैं राजनीति में नहीं होता, तो मुझे इसमें घसीटा नहीं जाता. मैंने दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद भविष्यवाणी की थी कि अब एजेंसियां बिहार की ओर अपना रुख करेंगी.”
लालू प्रसाद ने जो बोया है, वही काट रहे हैं-नीरज कुमार
हालांकि, जेडी(यू) एमएलसी और प्रवक्ता नीरज कुमार ने आरोप लगाया, “लालू प्रसाद ने जो बोया है, वही काट रहे हैं. बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में वे चारा घोटाले में शामिल थे। उन्हें अदालत ने दोषी ठहराया है और वे चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं। राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप फर्जी है। चारा घोटाले में सीबीआई की चार्जशीट इंद्र कुमार गुजराल के प्रधानमंत्रित्व काल में दायर की गई थी, जिनके साथ आरजेडी सुप्रीमो के बेहतरीन संबंध थे.”
नौकरी के बदले जमीन घोटाला उस समय का है जब राजद सुप्रीमो कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में रेल मंत्री थे.
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