Economic Survey 2025: शुक्रवार को संसद का बजट सत्र राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ शुरू हुआ. राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा और राज्यसभा में अलग-अलग आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया.
बजट से पहले पेश की गई आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2024-25 में अर्थव्यवस्था की खुशहाल तस्वीर देखने को मिली. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की पेश की गई रिपोर्ट में महंगाई बेरोज़गारी घटी है. सभी क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. सेवा क्षेत्र के निर्यात ने मजबूत प्रदर्शन किया है. साथ ही जीडीपी ग्रोथ रेट के 6.3 से 6.8 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है. कुल मिला के कहें तो सब चंगा सी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लोकसभा और राज्यसभा में पेश की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश की. आर्थिक सर्वेक्षण एक बजट-पूर्व दस्तावेज़ है जिसमें पिछले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की स्थिति का विवरण होता है. रिपोर्ट पेश होनों के बाद दोनों सदन को कल यानी शनिवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
वित्त वर्ष 2026 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.3-6.8% के बीच है
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, विकास के उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए, वित्त वर्ष 2026 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.3 से 6.8 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है.
Economic Survey 2025: सभी क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में कहा गया है कि तिमाही डी-सीजनलाइज्ड राष्ट्रीय आय डेटा के ट्रेंड विश्लेषण से पता चलता है कि सभी क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.
कृषि क्षेत्र मजबूत बना हुआ है, लगातार ट्रेंड स्तरों से ऊपर चल रहा है. औद्योगिक क्षेत्र ने भी महामारी से पहले की स्थिति से ऊपर अपनी स्थिति बना ली है. हाल के वर्षों में विकास की मजबूत दर ने सेवा क्षेत्र को उसके ट्रेंड स्तरों के करीब पहुंचा दिया है.
खुदरा मुद्रास्फीति 5.4% से घटकर 4.9% हो गई
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 24 में 5.4% से घटकर अप्रैल-दिसंबर 2024 में 4.9% हो गई है.
सेवा क्षेत्र के निर्यात ने मजबूत प्रदर्शन किया
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में कहा गया है कि चुनौतीपूर्ण भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बीच वित्त वर्ष 2025 के पहले नौ महीनों में सेवा क्षेत्र के निर्यात ने मजबूत प्रदर्शन किया है, जिसमें 11.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
आपूर्ति शृंखला में व्यवधान, मौसम की चरम स्थिति जैसे कारकों से खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ी
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-’25 में बताया गया है कि देश में महंगाई बढ़ने की वजह क्या है. रिपोर्ट में कहा गा है कि, “भारत की खाद्य मुद्रास्फीति आपूर्ति शृंखला में व्यवधान, मौसम की चरम स्थिति और इसके परिणामस्वरूप सब्जियों और दालों जैसे प्रमुख खाद्य पदार्थों की कम पैदावार जैसे कारकों से बढ़ी है. हीटवेव और बेमौसम बारिश जैसी चरम मौसम की घटनाओं ने खाद्य उत्पादन और आपूर्ति शृंखलाओं को प्रभावित किया है.”
बेरोजगारी दर घटकर 3.2% पर आ गई
आर्थिक सर्वेक्षण 2025 के अनुसार, पिछले सात वर्षों में श्रम बाजार संकेतकों में सुधार हुआ है, बेरोजगारी दर 2017-18 (जुलाई-जून) में 6.0% से घटकर 2023-24 (जुलाई-जून) में 3.2% हो गई है.
बजट-पूर्व दस्तावेज़ में कहा गया है, “सरकार ने रोज़गार को बढ़ावा देने, स्व-रोज़गार को बढ़ावा देने और श्रमिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए उपाय लागू किए हैं। हाल ही में शुरू की गई पीएम-इंटर्नशिप योजना रोज़गार सृजन के लिए एक परिवर्तनकारी उत्प्रेरक के रूप में उभर रही है.”
क्या बजट होगा गरीबों और मध्यम वर्ग को राहत देने वाला?
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक को शनिवार को पेश होने वाला वजह आम जनता के लिए बड़ी राहत लाने वाला लगता है. जब अर्थ व्यवस्था की हालत अच्छी है तो जरूर सरकार गरीब और मध्यम वर्ग को राहत देने के बारे में सोच सकती है.
बजट से पहले मीडिया को दिए बयान में पीएम मोदी ने भी कहा कि बजट में गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए कुछ अलग होगा.
ये भी पढ़ें-Budget Session 2025: ’10 साल में पहली बार कोई विदेशी हस्तक्षेप नहीं’: प्रधानमंत्री का…