Monday, March 10, 2025

Hit and Run का क्या है नया कानून , देश भर में क्यों हो रहा है चक्काजाम

ब्यूरो रिपोर्ट, दिल्‍ली : हिट एंड रन Hit and Run मामले पर नया कानून लाया गया है. इस कानून को लेकर यूपी, बिहार, मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान, गुजरात तमाम राज्‍यों के ट्रक ड्राइवर और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर सड़कों पर उतर आए हैं.ड्राइवरों की मांग है कि जब तक सरकार हिट एंड रन पर नए कानून को वापस नहीं लेती तब तक बस और ट्रक नहीं चलाएंगे. नया कानून में ‘हिट एंड रन’ को लेकर बेहद सख्‍ती से निपटने का प्रावधान किया गया है.

Hit and Run का क्या है कानून

अब तक हिट एंड रन मामले में आईपीसी की धारा 279 लापरवाही से वाहन चलाना, 304A लापरवाही के कारण मौत और 338 जान जोखिम में डालना के तहत केस दर्ज किया जाता है. इसमें दो साल की सजा का प्रावधान है.खास मामलों में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ी जाती है. नये बदलाव के बाद सेक्शन 104(2) के तहत हिट एंड रन के बाद अगर आरोपी ड्राइवर घटनास्थल से भागता है या पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता है तो उसे 10 साल तक की सजा भुगतनी पड़ेगी.इसके साथ ही 7 लाख रुपये का जुर्माना भी देना होगा.

ड्राइवरों ने किया चक्‍काजाम

इस कानून ने ड्राइवरों के होश उड़ा दिए हैं.कानून के विरोध में देश के कई राज्‍यों में ड्राइवरों ने चक्‍काजाम करना शुरू कर दिया है.इस सख्त प्रावधान के पीछे सरकार का उद्देश्य सड़क हादसों पर अंकुश लगाना है.इसके उलट ड्राइवरों को लगता है कि यह उनके साथ ज्‍यादती हुई है.प्रदर्शनकारी ड्राइवरों का कहना है कि नए कानून के अनुसार, ‘हिट एंड रन’ मामलों में 10 साल तक की जेल और सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है. ड्राइवर इतनी बड़ी राशि कैसे भर सकते हैं.

नए नियमों के कारण ड्राइवर छोड़ रहे हैं नौकरी

भारतीय न्याय संहिता के एक प्रावधान के तहत लापरवाही से गाड़ी चलाने पर गंभीर सड़क दुर्घटना होने और पुलिस या प्रशासन के किसी अधिकारी को सूचित किए बिना मौके से भागने वाले चालकों को 10 साल तक की सजा या सात लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है.चक्‍काजाम करने वाले ड्राइवरों का दावा है कि ‘हिट एंड रन’ के मामलों में विदेश की तर्ज पर सख्त प्रावधान लाया गया है.इसे लाने से पहले विदेश की तरह बेहतर सड़क और परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए था. ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने कहा है कि नए नियमों के कारण ड्राइवर नौकरी छोड़ रहे हैं. देशभर में पहले से ही 25-30 प्रतिशत ड्राइवरों की कमी है.ऐसे कानून ड्राइवरों की किल्‍लत को और बढ़ाएंगे.

 

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