Diwali 2024: दिवाली, जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, हिंदुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है. इस त्योहार में मिठास और रोशनी दो ही चीज़े सबसे जरूरी है. हर गरीब अमीर अपनी हैसियत के हिसाब से अपने घर को सजाता है और रोशन करता है. इस साल ये पाँच दिवसीय उत्सव 29 अक्टूबर को धनतेरस से शुरू हो कर 3 नवंबर को भाई दूज पर खत्म होगा. 31 अक्तूबर यानी गुरुवार को दिवाली मनाई जाएगी.
किस दिन जलाए कितने दीये
रोशनी और दीवाली का खास रिश्ता है, कांच, धातु से लेकर मिट्टी के छोटे दीये जलाना दिवाली की एक प्रिय परंपरा है जो अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है. लेकिन क्या आप जानते है इस पांच दिन के त्योहार में हर दिन जलाए जाने वाले दीयों की संख्या अलग-अलग होती है. हिंदू मान्यता के अनुसार दिवाली, छोटी दिवाली और धनतेरस के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं. इस त्यौहार के मौसम में प्रत्येक दिन कितने दीये जलाए जाने चाहिए चलिए हम आपको बताते हैं.
धनतेरस
धनतेरस यानी त्योहार का पहला दिन, इस दिन, 13 दीये जलाने की प्रथा है, जिनमें से प्रत्येक का एक अलग अर्थ और स्थान होता है. दीये पूरे घर में रखे जाते हैं – समृद्धि और मेहमानों का स्वागत करने के लिए प्रवेश द्वार पर, स्वास्थ्य और प्रचुरता के प्रतीक के रूप में रसोई में और ईश्वर का सम्मान करने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पूजा कक्ष में. प्रत्येक दीया एक विशिष्ट आशीर्वाद का प्रतीक है, जो त्यौहार के मौसम में घर को रोशनी और सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है.
छोटी दिवाली
छोटी दिवाली या काली चौदस पर सोच-समझकर 14 दीये जलाना शुभ माना जाता है. एक थाली के किनारे पर 11 दीये रखें और बीच में एक चार-मुखी दीया रखें, जिसे सबसे पहले जलाना चाहिए, उसके बाद बाकी दीये. दीयों में थोड़ी चीनी या मिठाई डालना जीवन में मिठास और समृद्धि की कामना का प्रतीक है, जो त्योहार के आशीर्वाद को बढ़ाता है.
दीवाली
बड़ी दीवाली या लक्ष्मी पूजा के दिन घर और आंगन में कई दीये जलाने की परंपरा है, जो एक उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य की आशा का प्रतीक है. कई लोग अपने घर की बालकनी में भी दीये जलाते हैं, ताकि पड़ोसियों और राहगीरों के साथ दीवाली की खुशियाँ और गर्माहट साझा की जा सके. हालाँकि, कभी भी किसी दीये या मोमबत्ती को अकेला न छोड़ें और सुनिश्चित करें कि उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखा जाए, ऐसी चीज़ों से दूर जो आग पकड़ सकती हैं.
वैसे दीये जलाने को लेकर लोगों के अपने-अपने घर में भी अगल-अलग सोंच होती है. लेकिन अगर आपके मन में दीये जताने को लेकर कोई सवाल है तो आप ये दिशा यह सामान्य दिशा-निर्देश का पालन कर सकते हैं. वैसे भी त्योहारों में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शुद्ध हृदय और अच्छाई और सकारात्मकता की सच्ची कामना के साथ दीये जलाए जाएं.
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