ग्रेटर नोयडा वेस्ट : उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोयडा वेस्ट GN west Protest में प्रस्तावित मेट्रो रुट को खारिज करके नये रुट पर विचार करने के सरकार के प्लान ने इस इलाके के हजारों बायर्स और रेसिडेंट्स के सपनों पर पानी फेर दिया. मेट्रो रुट के खारिज होने की खबर से नाराज ग्रेटर वेस्ट के करीब 30 रेसिडेंशियल सोसायटी के हजारों लोगों ने रविवार को एकमूर्ति चौराहे पर जमा होकर धरना प्रदर्शन GN west Protest किया. इन रेसिडेंट्स का गुस्सा अपने स्थानीय नेताओं,विधायक और सांसद पर फूटा है.
ग्रेटर नोयडा वेस्ट मे मेट्रो की मांग को लेकर इलाके के सैंकड़ों लोगों ने एक मूर्तिचौक पर किया विशाल प्रदर्शन, मेट्रो प्लान रिस्टोर करने की मांग#Metro #GreaterNoida @dr_maheshsharma #Noida @BJP4India @myogiadityanath @myogioffice pic.twitter.com/XUInzWYL9k
— THEBHARATNOW (@thebharatnow) November 26, 2023
GN west Protest:लाखों निवासियों की सरकार को चिंता नहीं
एक मूर्ति चौराहे पर जमा हजारों लोगों का कहना है कि जब चुनाव का वक्त आता है तो स्थानीय नेता यहां की आबादी को महत्वपूर्ण होने का एहसास दिलाते हुए वादे करते हैं,लेकिन उसके इंप्लिमेटेशन को लेकर बिल्कुल गंभीर नहीं हैं. ग्रेटर नोयडा वेस्ट यानी नोयडा एक्सटेंशन के निवासियों को सरकार और ऑथोरिटी की तऱफ से पिछले 10 साल से मेट्रो के आने के भरोसा दिया जा रहा है. पिछले कई सालों से मेट्रो के आने का प्लान बनता है औऱ फिर रद्द हो जाता है.
नेता वोट लेकर वादे भूल जाते हैं…
ग्रेटर नोयडा वेस्ट के निवासियों की नाराजगी इस बात से भी है कि नेताओं के वादों पर भरोसा करके उन्होंने बीजेपी के नेताओं को अपना प्रतिनिधि चुना लेकिन नतीजा वही ढ़ाक के तीन पात…नोयडा के सांसद और विधायक दोनों बीजेपी से आते हैं. ऐसे में ग्रेटर नोयडा क्षेत्र के निवासियों की उम्मीदें वर्तमान सरकार से ज्यादा है.नोयडा के सांसद महेश शर्मा और ग्रेटर नोयडा से विधायक बीजेपी से आते हैं. डबल इंजन की सरकार से क्षेत्र के निवासी बेहतर की उम्मीद कर रहे हैं लेकिन मेट्रो रुट में बदलाव के कारण लोगों का गुस्सा अपने क्षेत्र के नेताओं पर फूटा है.
10 दिसंबर को जंतर मंतर पर होगा विशाल प्रदर्शन
आंदोलन कर रहे निवासियों का कहना है कि नेताओं के वादों पर भरोसा करने का यहां के रेसिडेंट्स को कोई फ़ायदा नहीं हुआ है. 10 साल से ज़्यादा समय से मेट्रो का झुनझुना दिया जा रहा है लेकिन हर बार कोई ना कोई बहाना बना कर मामला आगे टरका दिया जाता है. उन्होंने कहा है कि अब जनता सबकुछ समझ चुकी है और अपने अधिकारों की लड़ाई शांतिपूर्ण तरीके से लड़ रही है.
रविवार के विशाल प्रदर्शन के बाद इलाके के रेसिडेंट्स ने फैसला किया है कि अगर सरकार की तऱफ से उनकी मांगो पर विचार नहीं किया जाता है और मेट्रो के पूर्व प्रस्तवित रुट को रिस्टोर नहीं किया जाता है (जिसमें नयोडा -ग्रेटर नोयडा लिंक रोड से मेट्रो को जाना था) तो आगामी 10 दिसंबर को ग्रेटर नोयडा से निकल कर ये मांग जंतर मंतर पर पहुंचेगी और जंतर मंतर पर विशाल प्रदर्शन किया जायेगा. ग्रेटर नोयडा के निवासियों की दलील है कि सरकार इस क्षेत्र में रहने वाली करीब 14 लाख की आबादी को इस तरह से बार बार दरकिनार कर रही है. एक मूर्ति चौक पर जमा हुए सैंकडों रेसिडेंट्स ने कहा कि वो एकजुट होकर मेट्रो सहित तमाम बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष करेंगे.
अगले चुनाव में जनता नेताओं से पूछेगी सवाल..
अब क्षेत्र के निवासी आने वाले चुनाव के समय नेताओं से सवाल पूछने के मूड में हैं. लोगों का कहना है कि नेता जब वोट मांगने आयेंगे तो सवाल किया जायेगा कि उन्होंने ग्रेटर नेयडा वेस्ट के लिए क्या किया है? आपको बता दें कि पिछले 10 वर्षों में उत्तर प्रदेश के अद्योगिक क्षेत्र नोयडा के ग्रेटर नोयडा में तेजी से रिहायशी अपार्टमेंटे्स का निर्माण हुआ है. यहां फिलहाल करीब 14 से 5 लाख की आबादी रह रही है., वहीं आने वाले कुछ वर्षों में ये आबादी तेजी से बढ़ेंगी. इतनी बड़ी संख्या में रिहाइस होने के बावजूद इस इलाके में पब्लिक ट्रांसपोर्ट ना के बराबर है. ज्यादातर लोगों को निजी वाहनों या फिर आटो रिक्शा जैसे वाहनों पर निर्भर रहना पड़ता है. जबकि इस इलाके से रोजाना लाखों लोग दिल्ली, गुड़गांव और NCR में काम करने जाते हैं. ऐसे में इस इलाके के लोग शिद्दत से मेट्रो के आने का इंतजार कर रहे हैं. मेट्रो के इस इलाके में आने से ना केवल यातायात सुचारु होगा बल्कि प्रदूषण पर भी रोक लगेगा. अभी से नोयडा से ग्रेटर नौयडा जाने आने वाली सड़कों पर वाहनों की संख्या अधिक होने के कारण घंटो जाम का सामना करना पड़ता है.
प्रधानमंत्री कार्यलय ने खारिज किया प्रस्तावित रुट
दरअसल हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यालय ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट के वर्तमान प्रस्ताव मेट्रो रुट को खारिज कर दिया है. प्रस्ताव को खारिज करने के पीछे ये वजह बताई जा रही है कि ये रूट दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन के सेक्टर-52 स्टेशन और प्रस्तावित 14.9 किमी के लिंक के बीच अच्छी कनेक्टिविटी की गारंटी नहीं देता है. इसलिए कोई और वैकल्पिक रुट का प्लान तैयार किया जायेगा.
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ग्रेटर नोयडा के 14.9 किमी रुट के लिए राशि कर ली गई थी मंजूर..
केंद्र सरकार ने पिछले साल लवंबर 2022 में 14.9 किलोमीटर की मेट्रो लिंक रोड के लिए 2.197 करोड़ की राशि को मंजूरी भी दे दी थी.सरकारी प्रक्रिया के मुताबिक पीआईबी से मंजूरी मिलने के बाद मेट्रो प्रोजेक्ट को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO)से मंजूरी मिलनी थी. फिर केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद नोएडा ऑथोरिटी निर्माण कार्य को लिए ठेकेदारों को शामिल करती ,लेकिन अब वर्तमान प्रस्ताव के पीएमओ से रद्द हो जाने के बाद अब पूरी प्रक्रिया रद्द हो गई है औऱ अब नये सिरे से प्लान में बदलाव करने के बाद फिर से पूरी प्रकिया दोहराई जायेगी.