नई दिल्ली। 10 लाख रुपये के गहने चोरी करने के मामले में क्राइम ब्रांच की टीम ने दो कुख्यात बदमाशों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से एक पिस्टल, एक कट्टा और पांच कारतूस बरामद किए गए हैं।
वहीं, गिरफ्तार बदमाशों की पहचान मूल रूप से बेतिया, पश्चिमी चंपारण, बिहार के मंसूर आलम और जिला मंदसौर, मध्य प्रदेश के आलम रहमानी के रूप में हुई है। मंसूर अपनी महिला मित्र के साथ उसके ही घर से गहने चोरी करने में शामिल था। इसके अलावा आरोपितों ने जयपुर में हवाला के पैसे की लूट की साजिश भी रची थी, लेकिन उसमें कामयाब नहीं हो सके।
उपायुक्त आदित्य गौतम के मुताबिक, 17 मार्च को गोविंदपुरी थाना क्षेत्र में लगभग 10 लाख मूल्य के सोने के आभूषणों की चोरी की सूचना मिली थी। शुरुआती जांच सिपाही रामकेश को मंसूर आलम नामक एक व्यक्ति के बारे में विशेष जानकारी मिली, जिसके घटना में शामिल होने का संदेह था।
सूचना पर एसीपी रमेश कुमार के नेतृत्व में और इंस्पेक्टर सतेंद्र मोहन की देखरेख में गठित टीम ने पांच जून को सरिता विहार में छापेमारी करते हुए मंसूर को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि पैसों की जरूरत के चलते उसने अपनी महिला दोस्त और शिकायतकर्ता की पत्नी से सोने के आभूषण लिए थे।
इसके बाद उसने गोविंदपुरी में एक स्थानीय जौहरी के पास आभूषण गिरवी रख दिए। महिला ने आभूषण चोरी होने की झूठी सूचना दी, जिसके कारण प्राथमिकी दर्ज हुई। आगे की पूछताछ में मंसूर ने बताया कि उसने अपने सहयोगी आलम रहमानी के साथ मिलकर राजस्थान के जयपुर में हवाला धन लूट की साजिश रची थी।
हालांकि, दोनों योजनाबद्ध लूटपाट को अंजाम देने में विफल रहे और वापिस दिल्ली लौट आए। उसकी निशानदेही पर सिंधी कैंप बस स्टैंड, जयपुर में जाल बिछाते हुए आलम रहमानी को भी गिरफ्तार कर लिया।

